पीड़ितों का आरोप: वीजा न लगवाया, पैसे भी नहीं लौटाए
जम्मू और पंजाब से आए कई युवाओं ने आरोप लगाया कि कैन वीसा इमीग्रेशन ने उन्हें विदेश भेजने का झांसा देकर लाखों रुपये लिए। वादा पूरा न होने पर जब उन्होंने शिकायत की, तो एजेंसी संचालकों ने उन्हें 25,000 रुपये नकद और एक चेक दिया, जो बाद में बाउंस हो गया। दो महीने तक कोई समाधान न मिलने पर पीड़ित हरनूर सिंह और अन्य युवा महंगा सिद्धू के साथ शुक्रवार को इमीग्रेशन कार्यालय पहुंचे, जहां मामला गरमा गया।
विवाद के बीच पुलिस पहुंची, सिख युवक की पगड़ी गिरने का आरोप
एजेंसी की शिकायत पर मौके पर पहुंचे सेक्टर 34 थाना के कांस्टेबल नरेश कुमार ने स्थिति संभालने की कोशिश की। लेकिन हरनूर सिंह का आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उनकी पगड़ी गिरा दी। साथ ही थप्पड़ भी मारा गया। यह घटना सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली मानी गई, जिससे मामला और उग्र हो गया।
सिख जत्थेबंदियों, निहंग जत्थे और आप पार्षद का धरना
घटना की जानकारी मिलते ही सिख जत्थेबंदियां, निहंग जत्थे और आप पार्षद दमनप्रीत सिंह मौके पर पहुंच गए और सेक्टर 34 थाने के बाहर धरना दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कांस्टेबल नरेश कुमार को तुरंत सस्पेंड किया जाए और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए। उन्होंने इसे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी कौम के सम्मान का मामला बताया।

एसएसपी कंवरदीप कौर और प्रशासन का हस्तक्षेप
घटना के बाद महंगा सिद्धू, हरनूर सिंह और दमनप्रीत सिंह ने चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर से मुलाकात कर इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। डीएसपी जसविंदर सिंह ने उन्हें शाम 6 बजे मिलने का आश्वासन दिया, जबकि एसपी सिटी प्रियंका भी मौके पर पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया।
ठगी करने वाले इमीग्रेशन संचालकों पर भी कार्रवाई की मांग
प्रदर्शनकारियों की दूसरी प्रमुख मांग यह रही कि ‘कैन वीसा इमीग्रेशन’ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए और जिन भोले-भाले युवाओं से पैसे लिए गए हैं, उन्हें वापस दिलाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो विरोध प्रदर्शन और उग्र किया जाएगा।