चंडीगढ़: चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में तेजी से बढ़ रही बीपीओ, कॉल सेंटर, मीडिया हाउस, कंपनियों और अन्य दफ्तरों में युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिल रहा है। इनमें कई महिला कर्मचारी भी शामिल हैं, जो अलग-अलग इलाकों में रह रही हैं और दफ्तर आने-जाने के लिए कैब सेवा पर निर्भर हैं।
जैसे-जैसे ये दफ्तर 24 घंटे काम करते हैं, वैसे-वैसे देर रात कर्मचारियों की आवाजाही भी बढ़ी है। कई बार यह देखा गया है कि इन कैब्स में काम करने वाले ड्राइवरों और ऑपरेटरों की सही तरीके से निगरानी नहीं होती, जिससे खासकर महिलाओं की सुरक्षा पर खतरा बना रहता है।
इसी को देखते हुए चंडीगढ़ के उपायुक्त (डीसी) निशांत कुमार यादव (आईएएस) ने “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023” की धारा 163 के तहत 7 जुलाई से 4 सितंबर 2025 तक लागू एक सख्त आदेश जारी किया है।
आदेश के मुख्य बिंदु (सभी कंपनियों और कैब सेवाओं के लिए अनिवार्य):
कर्मचारियों का पूरा रिकॉर्ड रखें — सभी कर्मचारी, ड्राइवर, सिक्योरिटी गार्ड और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स का डाटा पुलिस व अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए उपलब्ध रखा जाए।
लाइसेंसशुदा एजेंसी से ही गार्ड और स्टाफ लें — सुरक्षा गार्ड और अन्य कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी अधिकतर लाइसेंसी एजेंसियों से लिए जाएं।
पृष्ठभूमि जांच (Police Verification) अनिवार्य — सभी कर्मचारियों, ड्राइवरों और कॉन्ट्रैक्ट वर्करों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए।
रात में महिला अकेली कैब में न हो — रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक, महिला कर्मचारी को अकेले कैब ड्राइवर के साथ सफर न करना पड़े। साथ में एक सिक्योरिटी गार्ड या पुरुष सहकर्मी होना जरूरी है।
महिलाएं पहले या आखिरी न हों — कोशिश की जाए कि कोई महिला कर्मचारी कैब में पहली पिकअप या आखिरी ड्रॉप न हो।
घर के दरवाज़े तक छोड़ा जाए — महिला को उसके घर के दरवाजे तक छोड़ा जाए, और जब तक वह फोन पर घर पहुंचने की पुष्टि न करे, कैब वहीं रुकी रहे।
रास्ता खराब हो तो साथ चलें — अगर महिला कर्मचारी का घर ऐसी जगह है जहां गाड़ी नहीं जा सकती, तो सिक्योरिटी गार्ड या पुरुष सहकर्मी पैदल उसके साथ घर तक जाए और सुरक्षा की पुष्टि करे।
कैब की गतिविधियों पर निगरानी रखें — कैब में अनजान लोगों को बैठाना या तय रास्ते से हटना जैसी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाए और ज़रूरत पड़ने पर पुलिस को सूचना दी जाए।
जीपीएस सिस्टम अनिवार्य — सभी कैब्स में GPS सिस्टम लगवाना जरूरी है, खासकर जो महिला कर्मचारियों को लाते-ले जाते हैं।