चंडीगढ़: मानसून के मौसम में चंडीगढ़ की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या को देखते हुए नगर निगम चंडीगढ़ ने एक कड़ा और केंद्रित अभियान शुरू कर दिया है। नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, आईएएस ने बताया कि यह पहल जुलाई से सितंबर तक के महीनों में शहर की सुरक्षा और सफाई बनाए रखने के लिए शुरू की गई है, जब यह समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है। उन्होंने बताया कि हर साल चंडीगढ़ की हरी-भरी ग्रीन बेल्टें पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों से आवारा पशुओं को आकर्षित करती हैं, जिससे इनकी संख्या बढ़ जाती है। ये जानवर यातायात के लिए खतरा बनते हैं और सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैलाते हैं।
विशेष टीमें और वाहन तैनात
इस समस्या से निपटने के लिए निगम ने चार पशु पकड़ने वाले वाहन और 20 प्रशिक्षित कर्मचारियों की टीमें तैनात की हैं। ये टीमें हर दिन सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक दो शिफ्टों में काम कर रही हैं।
2025 में अब तक पकड़े गए आवारा पशु (महीनेवार आंकड़े):
अप्रैल: 164
मई: 260
जून: 167
जुलाई (9 जुलाई तक): 111
आयुक्त ने पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने मवेशियों को खुले में न छोड़ें। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि निगम गौशालाओं के साथ मिलकर पकड़े गए जानवरों की देखभाल और पुनर्वास की उचित व्यवस्था कर रहा है।
नागरिकों से सहयोग की अपील
आयुक्त ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी इलाके में आवारा पशु दिखने पर इसकी जानकारी एमसीसी हेल्पलाइन व्हाट्सएप नंबर 9915762917 या नगर निगम की मोबाइल ऐप के जरिए दें। उन्होंने कहा “इस मौसम में चंडीगढ़ को स्वच्छ, सुरक्षित और रहने लायक बनाए रखने के लिए जनता का सहयोग बेहद जरूरी है।