भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: शहर के सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता करने के उद्देश्य से चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग के अधीन स्कूलों ने एक महत्वपूर्ण अपील जारी की है। स्कूल
प्रबंधन ने छात्रों के अभिभावकों और परिजनों से अनुरोध किया है कि जब वे अपने बच्चों को स्कूल छोडऩे या लेने के लिए आएं, तो कृपया अपने चेहरे को न ढकें। यह निर्णय सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि स्कूल परिसर में आने-जाने वाले हर व्यक्ति की स्पष्ट पहचान सुनिश्चित की जा सके। स्कूलों के मुताबिक, कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जब चेहरा ढके होने के कारण सुरक्षा कर्मचारियों या सीसीटीवी कैमरों द्वारा व्यक्ति की पहचान करना संभव नहीं हो पाता। इससे किसी भी संभावित खतरे या संदिग्ध गतिविधि की समय रहते पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए अब यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल परिसर में प्रवेश के समय किसी भी अभिभावक का
चेहरा साफ दिखाई देना चाहिए।
सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को किया जा रहा है मजबूत:
स्कूल प्रबंधन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस अपील के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। पहले से लगे कैमरों के अलावा अब स्कूल के गेट, गलियारे और बाहरी क्षेत्रों में भी हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे लगाए जारहे हैं ताकि हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जा सके।
अभिभावकों से सहयोग की अपील:
स्कूल प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कदम अभिभावकों की असुविधा के लिए नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है। इसलिए सभी अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे इस नियम का पालन
करें और जब भी स्कूल आएं, मास्क या दुपट्टा आदि से चेहरा ढक कर न आएं। विशेषकर हेलमेट या बड़े सनग्लासेज पहनकर स्कूल परिसर में प्रवेश से बचें। प्रबंधन का कहना है कि कोविड के दौरान भले ही मास्क अनिवार्य थे, लेकिन
अब स्थिति सामान्य हो चुकी है और सुरक्षा की दृष्टि से चेहरा स्पष्ट रूप से दिखना अनिवार्य है।
भविष्य में और भी नियम हो सकते हैं लागू:
स्कूल प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा संबंधी यह पहल शुरुआत है। आने वाले समय में छात्रों और स्कूल स्टाफ की सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए अन्य नियम और उपाय भी लागू किए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक यदि कोई अभिभावक बार-बार इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो उनके स्कूल में प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाई जा सकती है या उनसे पहचान पत्र की मांग की जा सकती है।
बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम का उद्देश्य सिर्फ एक है कि किसी भी तरह की अनहोनी से पहले ही सावधानी बरतना। स्कूल प्रशासन का मानना है कि अभिभावकों का सहयोग इस प्रयास को सफल बना सकता है। यदि हर माता-पिता जागरूकता दिखाएं और इस अपील का पालन करें, तो स्कूल परिसर और छात्रों की सुरक्षा को और बेहतर बनाया जा सकता है।