चंडीगढ़ (अजीत झा): चंडीगढ़ अब स्मार्ट सिटी नहीं, क्राइम सिटी बनता जा रहा है। बीते 36 घंटों में तीन युवाओं की नृशंस हत्याओं ने न सिर्फ शहर को दहला दिया है, बल्कि चंडीगढ़ पुलिस की कानून-व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। मलोया, रामदरबार और मनीमाजरा तीनों स्थानों पर चाकुओं से युवाओं को गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी और वह भी बेहद कम समय में। शहर में अब सुरक्षा से ज़्यादा असुरक्षा का माहौल है। जहां एक ओर पीड़ितों के परिवार न्याय के लिए भटक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गली-मोहल्लों में लोग सन्न हैं कि चंडीगढ़ जैसी हाई-प्रोफाइल जगह में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद कैसे हो गए। यह सिर्फ हत्याएं नहीं यह चंडीगढ़ के शांत ताने-बाने पर हमला है। पुलिस की पेट्रोलिंग, इंटेलिजेंस और प्रिवेंटिव एक्शन पूरी तरह विफल नजर आ रही है। सवाल यह नहीं कि अपराध क्यों हुआ, बल्कि यह है कि एक के बाद एक तीन हत्याएं हुईं और पुलिस सिर्फ कागज़ों में सक्रिय नजर आई।
मलोया में बदले की आग में 17 वर्षीय युवक की हत्या
सोमवार शाम करीब 5:30 बजे मलोया झामपुर बैरियर पर 19 वर्षीय युवक देवा पर अज्ञात हमलावरों ने चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। वह अपने दोस्तों के साथ खड़ा था, तभी हमलावरों ने घेरकर वार कर दिए। देवा की मौके पर ही मौत हो गई।पुलिस जांच में सामने आया है कि 3 जुलाई को देवा की कुछ युवकों से झगड़ा हुआ था और उसे जान से मारने की धमकियां भी मिली थीं। आशंका है कि उसी रंजिश में उसकी हत्या की गई। मलोया थाना प्रभारी जसबीर सिंह के अनुसार मामला गंभीर है। हमलावरों की पहचान की जा रही है, जल्द गिरफ्तारियां होंगी।
रामदरबार में तेजधार हथियार से हमला
मलोया की घटना के कुछ ही घंटों बाद सोमवार देर रात 12:30 बजे रामदरबार फेज-2 में दो युवकों पर हमला किया गया। अज्ञात हमलावरों ने तेजधार हथियारों से वार किए, जिसमें सेक्टर-25 निवासी रमन चड्ढा की मौत हो गई, जबकि उसका दोस्त तुषार गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सेक्टर-32 के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।पुलिस ने हत्या की धाराओं में केस दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक किसी भी हमलावर की पहचान नहीं हो सकी है।
इंदिरा कॉलोनी में दो दिन पहले 18 वर्षीय संजीत की हत्या
शनिवार को मनीमाजरा की इंदिरा कॉलोनी में 18 वर्षीय संजीत की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फिर भी वारदात ने कॉलोनी के निवासियों को झकझोर दिया है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि क्षेत्र में असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ गई हैं और पुलिस की गश्त नाममात्र की है।
लगातार वारदातों से शहर में खौफ, पुलिस पर सवाल
तीन हत्याएं और दो मामलों में आरोपी अब तक फरार हैं। पुलिस न तो सीसीटीवी से कोई ठोस सुराग निकाल पाई है और न ही चश्मदीदों से कोई अहम जानकारी। नतीजतन लोगों में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता है। शहर में आक्रोश, युवाओं में नाराजगी: मलोया, रामदरबार और इंदिरा कॉलोनी के स्थानीय लोगों में दहशत है। उनका कहना है कि खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है। युवा वर्ग, छात्र समुदाय और व्यापारी वर्ग खुलकर सवाल उठा रहे हैं कि चंडीगढ़ जैसे सुरक्षित शहर में अपराधियों का मनोबल इस कदर कैसे बढ़ गया। देखने वाली बात यह होगी की मलोया में हत्या मामले में पुलिस कब तक आरोपी को गिरफ्तार करती हैं वही सेक्टर 31 थाना पुलिस के लिए भी चुनौती हैं |