Thursday, August 14, 2025

पंचकूला के प्रतिष्ठित पद पर एक ही समुदाय का क़ब्ज़ा, वोट बैंक ख़ुश करना या इत्तफ़ाक

मंजीत सहदेव, चंडीगढ़ दिनभर: इन दिनों पंचकूला में  प्रतिष्ठा पदों पर एक ही समुदाय के अधिकारियों और नेताओं का क़ब्ज़ा है। इसे संयोग कहें या राजनीतिक मजबूरी ,दरअसल पंचकूला में सबसे अधिक वोटों की संख्या बनिया समुदाय की है और यहाँ पर काफ़ी अधिक संख्या में इसी समुदाय के लोग रहते हैं। इस लिए यह बात ग़ौर करने लायक है और स्थानीय निवासियों के मन में भी यही सवाल है कि क्या पंचकूला के बड़े अधिकारियों और यहाँ की सत्ता पक्ष पार्टी के नेता एक ही समुदाय से क्या वोट बैंक को बढ़ावा देने के लिए है या कि यह इत्तफ़ाक है।

यदि सूत्रों की बात की जाए तो पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बनिया समुदाय ने भाजपा को ज़्यादा समर्थन नहीं दिया था और समुदाय के लोग पार्टी से काफ़ी ख़ुश नहीं थे यही वजह रही कि बनिया समाज से होने के बावजूद भाजपा के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा ।हो सकता है कि पार्टी द्वारा उन्हें ख़ुश करने के लिए यहाँ पर बनिया समुदाय के लोगों को नुमाइंदगी दी गई और यहां पर  एक ही समुदाय के प्रतिष्ठित पदों पर अधिकारी नियुक्त किए गए हों।

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पंचकूला के यदि डिप्टी कमिश्नर को देखी जाए तो वह भी बनिया समुदाय से आती है ।मोनिका गुप्ता को यहाँ पंचकूला की डिप्टी कमिश्नर नियुक्त किया गया है और सरकार उनके कामकाज से भी काफ़ी ख़ुश है।

वहीं यदि बात की जाए पंचकूला की डीसीपी की तो हाल ही में पंचकूला में डीसीपी भी बनिया समुदाय से लगायी गई है।सृष्टि गुप्ता को इन दिनों पंचकूला डीसीपी का चार्ज दिया गया दरअसल पंचकूला की तत्कालीन  डीसीपी हिमाद्रि  कौशिक लंबी छुट्टी पर गई है। उनकी ग़ैर मौजूदगी में सृष्टि गुप्ता नियुक्ति की गई है ।यह भी इत्तफ़ाक़ है या की यहाँ पंचकूला में बड़ी तादाद में बसे बनिया समुदाय को ख़ुश करने के लिए लगाया गया है।

मेयर भी बनिया समाज से इसके अलावा यदि नगर निगम की बात की जाए तो पंचकूला नगर निगम के मौजूदा मेयर भी बनिया समुदाय से आते हैं। कुलभूषण गोयल पंचकूला के मेयर है और सरकार में उनका काफ़ी दबदबा भी है ।हालाँकि वह चुनाव जीत कर मेयर बने हैं ,लेकिन उनका भी बनिया समुदाय से होना एक इत्तफ़ाक़ ही है।

राजनीतिक पार्टी में भी बनियों का दबदबा: पंचकूला में यदि सत्ता पक्ष पार्टी की बात की जाए तो पंचकूला में भाजपा द्वारा हाल ही में बनिया समुदाय के सदस्यों को ही पंचकूला जिला का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पंचकूला भाजपा जिला अध्यक्ष अजय मित्तल भी बनिया समुदाय से आते हैं ,और यह भी एक इत्तफ़ाक़ हो सकता है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की पार्टी द्वारा बनिया समुदाय की संख्या को मद्देनज़र रखते हुए कि यहाँ से अजय मित्तल को ज़िम्मेदारी सौंपी हो। लेकिन इससे पहले यहाँ पर ब्राह्मण समाज से दीपक शर्मा को प्रधान बनाया गया था और उन्होंने लंबे समय तक पार्टी के लिए कार्य किया है।

पंचकूला से पार्टी चलाने वाले भी बनिया समाज से: इसी प्रकार पंचकूला के पूर्व विधायक और पार्टी में अपनी अच्छी पकड़ रखने वाले ज्ञान चंद गुप्ता भी बनिया समाज से आते हैं। वहीं यह भी कहा जा सकता है कि बेशक़ ज्ञानचंद गुप्ता चुनाव हार गई हो लेकिन इसके बावजूद इन दिनों पार्टी की नुमाइंदगी भी वही कर रहे हैं ।यह शख़्स ज्ञान चंद गुप्ता दी बनिया समुदाय से ही आते हैं और इसमें भी इत्तफ़ाक़ कहें या पार्टी के लिए वोट बैंक मजबूरी, कि पार्टी उन्हें काफ़ी अहमियत देती है और पार्टी के अहम फैसलों में उनका काफ़ी योगदान रहता है। इसी को लेकर इन दिनों अब यही चर्चा चल रही है की क्या सरकार ने यहाँ पर वोट बैंक को देखकर अधिकारियों की नियुक्ति यहाँ पार्टी की नुमाइंदगी दी है यहाँ की यह एक इत्तफ़ाक़ है।

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