Thursday, August 14, 2025

अब नहीं चलेगी ‘पास की राजनीती’, नकली पास की नकल पर लगाम, नए पास की गिनती पर संग्राम! 

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: नगर निगम द्वारा करीब एक माह पूर्व पार्षदों के लिए ब्राउन रंग के नए पार्किंग पास जारी किए गए हैं। हालांकि, आज तक अधिकांश पार्षदों ने इन्हें अपनी गाड़ियों पर नहीं लगाया है। इसका मुख्य कारण यह है कि निगम द्वारा प्रत्येक पार्षद को केवल तीन-तीन पास ही वितरित किए जा रहे हैं, जबकि पार्षद कम से कम 10 पास की मांग कर रहे हैं।
पहले जारी किए गए ग्रीन कलर के पासों का कुछ शरारती तत्वों ने दुरुपयोग किया था। उन्होंने इन पासों की नकल कर कलर प्रिंट निकालकर अपनी गाड़ियों पर लगाना शुरू कर दिया था। इसी वजह से इस बार नगर निगम ने नए पासों में कई तरह की सुरक्षा विशेषताएं जोड़ी हैं।
नए पासों की खास बातें:
-पास पर कोड नंबर अंकित किया गया है। इस कोड के जरिए यह आसानी से पता चल सकेगा कि यह पास किस पार्षद को जारी किया गया है।
-पास पर होलोग्राम लगाया गया है, जिससे इसकी असली और नकली की पहचान तुरंत की जा सकेगी।
– अन्य विशेष सुरक्षा चिन्ह और तकनीकी बदलाव भी किए गए हैं ताकि पास की नकल न हो सके।
नगर निगम का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति इस बार पास की नकल करता है या कलर प्रिंट निकाल कर अपनी गाड़ी पर लगाता है, तो उसकी पहचान कोड नंबर और होलोग्राम से तुरंत हो जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं पार्षदों की नाराज़गी इस बात को लेकर बनी हुई है कि उन्हें केवल तीन पास ही जारी किए गए हैं। पहले कई पार्षद अपने नजदीकी समर्थकों और पार्टी पदाधिकारियों को भी पास उपलब्ध करवा देते थे, लेकिन अब सीमित पास की वजह से ऐसा करना संभव नहीं हो पा रहा।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि तीन पास पर्याप्त हैं क्योंकि एक परिवार में आमतौर पर तीन से ज्यादा गाड़ियां नहीं होतीं। शहर के अधिकतर नागरिक भी निगम के इस निर्णय का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि पास उन्हीं गाड़ियों पर लगने चाहिए जो वास्तव में पार्षद या उनके परिवार के उपयोग में हैं। फिलहाल नगर निगम अतिरिक्त पास जारी करने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद आगे कैसे सुलझता है।
क्यों किया गया पास का रंग और डिज़ाइन बदलने का निर्णय?
पिछले कुछ समय से नगर निगम को शिकायतें मिल रही थीं कि पुराने ग्रीन रंग के पासों की नकल कर कुछ लोग उन्हें अपनी निजी गाड़ियों पर लगाकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इस दुरुपयोग में कुछ शरारती तत्व शामिल थे जो पास की हूबहू कलर प्रिंट निकालकर उसे असली पास की तरह इस्तेमाल कर रहे थे। इसी कारण निगम ने पास की डिज़ाइन में बड़े बदलाव करने का निर्णय लिया।
पास की संख्या को लेकर खड़ा हुआ विवाद
हालांकि, पास की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सभी सहमत हैं, लेकिन इनकी संख्या सीमित करने के फैसले पर विवाद पैदा हो गया है। नगर निगम ने प्रत्येक पार्षद को केवल तीन पास जारी किए हैं, जबकि अधिकांश पार्षद कम से कम 10 पास जारी करने की मांग कर रहे हैं।
पार्षदों की आपत्ति क्या है?
सूत्रों के मुताबिक पार्षद पहले  इन पार्किंग पासों को अपने नजदीकी समर्थकों, पार्टी के पदाधिकारियों और सहयोगियों को भी देते थे ताकि वे नगर निगम कार्यालय या शहर के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वाहन खड़ा कर सकें। अब, मात्र तीन पास मिलने से वे अपने सभी सहयोगियों को सुविधा नहीं दे पा रहे।
निगम का पक्ष क्या है?
नगर निगम के अधिकारियों ने इस मांग को फिलहाल मानने से इनकार कर दिया है। उनका तर्क है कि एक परिवार में सामान्यतः एक से तीन गाड़ियां ही होती हैं। पासों की अधिक संख्या से ही पहले इनके दुरुपयोग की घटनाएं बढ़ीं। इसलिए अब तय सीमा में ही पास दिए जाएंगे।
शहरवासियों का क्या कहना है?
अधिकतर नागरिक नगर निगम के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि पार्किंग पास का इस्तेमाल केवल उसी व्यक्ति को करना चाहिए, जो पार्षद या उसके परिजन हों। पार्टी पदाधिकारियों और समर्थकों को विशेषाधिकार देना सही नहीं है।
E-Paper
RELATED ARTICLES

Most Popular




More forecasts: oneweather.org