अजीत झा, चंडीगढ़ दिनभर: तीन महीने पहले सेक्टर-21ए निवासी कनव खन्ना से 1.08 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने दूसरी बड़ी गिरफ्तारी की है। पुलिस ने 28 वर्षीय आरोपी धर्मेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। इससे पहले इस मामले में एक आरोपी माधव प्रजापति को 26 मई को गुजरात से पकड़ा गया था, जिसकी निशानदेही पर धर्मेंद्र तक पुलिस पहुंच सकी।
माधव के खाते में ट्रांसफर हुई थी ठगी की रकम
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि गुजरात के बटोद जिले में रहने वाले माधव प्रजापति के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में कनव खन्ना द्वारा ट्रांसफर किए गए कुल 1.08 करोड़ रुपये में से 49 लाख रुपये पहुंचे थे। माधव ने पूछताछ में कबूला कि उसने धर्मेंद्र सिंह के कहने पर बैंक खाता खुलवाया और मात्र 20 हजार रुपये के कमीशन के बदले धर्मेंद्र को अपने अकाउंट की केवाईसी किट व एटीएम सौंप दिया था।
फर्जी निवेश स्कीम में फंसाया गया था कनव
पीड़ित कनव खन्ना के अनुसार, उन्हें एक फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किया गया, जिसमें खुद को अंतरराष्ट्रीय निवेश कंपनी ब्लैक रॉक से जुड़ा बताकर मोटे मुनाफे का झांसा दिया गया। कनव झांसे में आ गए और कुल 1.08 करोड़ रुपये आरोपियों द्वारा दिए गए विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने अपने पैसे की वापसी मांगी, तो आरोपियों ने उन्हें धमकाना और ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
धर्मेंद्र की गिरफ्तारी से खुल सकते हैं और राज
धर्मेंद्र की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि वह इस ठगी नेटवर्क का अहम हिस्सा माना जा रहा है। पुलिस अब अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। साथ ही कुछ संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज किया गया है और ठगी की रकम रिकवर करने की भी कोशिशें जारी हैं।
साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस की सतर्कता
इस केस ने एक बार फिर दिखा दिया है कि साइबर अपराधी किस हद तक जाकर आम लोगों को ठगने के लिए नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं। चंडीगढ़ पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि वे किसी भी अनजान व्हाट्सएप ग्रुप, संदिग्ध निवेश योजना या बैंकिंग प्रस्ताव से सतर्क रहें और किसी भी लेन-देन से पहले उसकी पूरी तरह से जांच कर लें।