अजीत झा, चंडीगढ़ दिनभर: चंडीगढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने दो अलग-अलग ऑनलाइन ठगी के मामलों में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने गुजरात के मेहसाणा और भरूच जिलों में छापेमारी कर तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो विभिन्न तरीकों से लोगों को ठगने के लिए फर्जी कॉल, स्काईप वीडियो और फर्जी व्हाट्सऐप ग्रुप का इस्तेमाल कर रहे थे।
मामला-1: फेडएक्स पार्सल में ड्रग्स के नाम पर डराकर 10 लाख की ठगी
सेक्टर-40 के रहने वाले सतिंदरपाल सिंह चहल को पहले एक फोन कॉल आया, जिसमें उन्हें बताया गया कि उनके नाम पर फेडएक्स पार्सल से ड्रग्स बरामद हुए हैं। घबराए सतिंदरपाल को स्काईप कॉल पर लाया गया, जहां खुद को एनसीबी अधिकारी बताने वाले आरोपियों ने उनसे आईसीआईसीआई बैंक खाते की पूरी जानकारी हासिल कर ली।इसके बाद आरोपियों ने सतिंदरपाल के नाम पर 10 लाख रुपये का पर्सनल लोन मंजूर करवाया और उसमें से 9.76 लाख रुपये पंजाब नेशनल बैंक के एक खाते में ट्रांसफर कर दिए।जांच में यह खाता गुजरात के मेहसाणा जिले से जुड़ा निकला, जहां पुलिस ने छापा मारकर दो आरोपियों ठाकोर गौतम मावजी और पटेल हीरेनकुमार मुकेशकुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला-2: ऑनलाइन टास्क के नाम पर 20.88 लाख रुपये की ठगी
मनीमाजरा निवासी विकास शर्मा को ठगों ने एक फर्जी व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा और वहां ऑनलाइन टास्क व सर्वे कर पैसे कमाने का लालच दिया। शुरुआत में कुछ मामूली रिटर्न दिए गए, जिससे विकास का भरोसा जीत लिया गया। लेकिन बाद में आरोपियों ने अलग-अलग चरणों में कुल 20.88 लाख रुपये की ठगी कर ली।जांच में पता चला कि यह रकम सूरत निवासी प्रफुल वाघेला के बैंक खाते में जमा हुई थी। पुलिस ने भरूच, गुजरात में छापा मारकर प्रफुल को गिरफ्तार कर लिया है।
अन्य आरोपियों की तलाश और रकम की बरामदगी जारी
पुलिस का कहना है कि इन मामलों में और भी आरोपी शामिल हो सकते हैं, जिनकी पहचान की जा रही है। साथ ही ठगी की रकम को ट्रेस कर उसे रिकवर करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
साइबर सेल की अपील
चंडीगढ़ पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स, स्काईप वीडियो या संदिग्ध व्हाट्सऐप ग्रुप से सावधान रहें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें।
सावधानी ही सुरक्षा:
- किसी अनजान कॉल या वीडियो कॉल पर बैंक डिटेल न दें
- ऑनलाइन टास्क या निवेश के नाम पर ठगी से सतर्क रहें
- अति लाभ के वादों से बचें, पहले विश्वसनीयता जांचें
- किसी भी साइबर अपराध की सूचना तुरंत पुलिस को दें