Thursday, August 14, 2025

मानसून की पहली बारिश में डूबा चंडीगढ़, सड़कों पर पानी-पानी, लोगों की बढ़ी मुश्किलें

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: चंडीगढ़ में शनिवार  देर रात से शुरू हुई पहली मूसलाधार बारिश ने शहर की तैयारियों की असल तस्वीर सामने ला दी। रातभर जारी रही बारिश से रविवार  सुबह तक कई मुख्य सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। जिन सड़कों पर हर रोज हजारों वाहन चलते हैं, वहां गाड़ियां आधी डूबी नजर आईं। वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि कई गाड़ियां पानी में बंद हो गईं।
सेक्टर-22, 37, मनीमाजरा और इंडस्ट्रियल एरिया जैसे इलाकों में हालात बेहद खराब रहे। सुबह ऑफिस जाने वालों की गाड़ियां बीच सड़क में फंसी रहीं। कई लोग पानी में धक्का लगाकर वाहन निकालने को मजबूर हुए। दोपहिया वाहन चालक फिसलन और गहरे पानी के कारण बार-बार गिरते रहे। बारिश से सबसे ज्यादा परेशानी उन इलाकों में हुई, जहां ड्रेनेज की व्यवस्था पहले से कमजोर थी। जलभराव से कई सड़कों की परत उखड़ गई और बड़े-बड़े गड्ढे बन गए। सेक्टर-45 में एक जगह सड़क धंस गई, जिससे एक कार फंस गई। स्थानीय लोगों की मदद से कार को निकाला गया।
घरों में भी पानी घुसने से लोग परेशान रहे। कई मकानों के आंगन और कमरों तक पानी भर गया। फर्नीचर, राशन और इलेक्ट्रॉनिक सामान खराब हो गया। कई परिवार रातभर बाल्टियों से पानी बाहर निकालते रहे। बुजुर्ग और छोटे बच्चे खास तौर पर परेशान दिखे। नगर निगम की ओर से मानसून से पहले नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था के दावे किए गए थे, लेकिन कुछ ही घंटों की बारिश ने उन सभी दावों की पोल खोल दी। नालों की सफाई ठीक से नहीं हुई, जिससे पानी निकलने का रास्ता बंद हो गया और सड़कें तालाब बन गईं।
चौराहों पर जलभराव इतना ज्यादा था कि जाम लगना तय था। कई जगह गाड़ियां लंबी कतारों में फंसी रहीं। लोग घंटों इंतजार करते दिखे कि कब पानी कम हो और रास्ता खुले। मौसम विभाग के मुताबिक  अगले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बिना जरूरी काम घर से बाहर न निकलें। स्थानीय निवासियों ने निगम और प्रशासन पर नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि हर साल यही हाल होता है। बारिश से सड़कों की हालत खराब हो जाती है और कई जगह गंदा पानी जमा हो जाता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
नगर निगम ने दावा किया है कि सभी पंपिंग मशीनें लगाई गई हैं और जल निकासी का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। लेकिन कई इलाकों में अभी भी पानी भरा हुआ है और लोगों को राहत नहीं मिल पाई। बारिश ने साफ दिखा दिया कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में हालात और बदतर हो सकते हैं।
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