Thursday, August 14, 2025

दो महीने के अंदर एसी सिस्टम को ठीक करने के साथ मानसिक पीड़ा और केस के खर्च के लिए देने होगे 20 हजार रूपए 

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: पंचकूला के सेक्टर 21 में रहने वाले डॉक्टर नीरज कुमार गोयल और उनकी पत्नी डॉक्टर शिल्पा गोयल ने अपने नए घर में एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगवाया था, लेकिन यह सिस्टम उनके लिए राहत की बजाय मुसीबत बन गया। उन्होंने इसे लगाने के लिए फुजित्सु जनरल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और उसके डीलर कालरा एयरकॉन प्राइवेट लिमिटेड से संपर्क किया था।

उन्होंने करीब 13.75 लाख रुपये खर्च करके अपने घर में एक खास प्रकार का एसी सिस्टम (जिसे वीआरएफ सिस्टम कहा जाता है), तीन नए स्प्लिट एसी और अपने पुराने घर से दो एसी शिफ्ट करने का काम कराया। लेकिन शुरू से ही
दिक्कतें आने लगीं।

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शिकायत में बताया गया कि नया सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा था। तीन में से दो स्प्लिट एसी भी खराब थे और कंपनी की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही थी। बार-बार मेल और कॉल करने पर भी कोई जवाब नहीं आया। मजबूरी में डॉक्टर दंपत्ति को बाहर से मिस्त्री बुलाकर मरम्मत करवानी पड़ी, जिससे उन्हें और खर्च करना पड़ा। सिस्टम में गड़बड़ी के कारण उन्हें अपने नए घर की दीवारें, छत और फर्श तोडऩी पड़ीं ताकि सुधार किया जा सके। इससे उन्हें मानसिक तनाव और भावनात्मक तकलीफ हुई।

उपभोक्ता फोरम ने कहा  कंपनी ने लापरवाही की है:
मोहाली की उपभोक्ता अदालत में इस केस की सुनवाई उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष न्यायाधीश एस.के. अग्रवाल और सदस्य परमजीत कौर ने की। उन्होंने दस्तावेज, तस्वीरें और वीडियो देखने के बाद माना कि कंपनी ने सही सेवा नहीं दी और उपभोक्ता को परेशान किया। कंपनी ने कहा कि एसी में कोई खराबी नहीं है और पूजा रूम में ठंडक न आने की वजह वहां दरवाज़ा न होना है। लेकिन अदालत ने इस तर्क को गलत माना।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी को दो महीने के अंदर एसी सिस्टम को पूरी तरह ठीक कराना होगा। यह सुधार ग्राहक की मौजूदगी में और फोटो-वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ किया जाए। अगर सिस्टम ठीक नहीं किया गया, तो कंपनी को 13,67,321 रुपये वापस करने होंगे। साथ ही ग्राहक को मानसिक पीड़ा और केस के खर्च के लिए 20,000 रूपए अतिरिक्त दिए जाएं।

डॉक्टर बोले न्याय की उम्मीद छोड़ी नहीं थी:
फैसले के बाद डॉक्टर नीरज गोयल ने कहा, हमने दो साल तक कंपनी से गुहार लगाई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। आज उपभोक्ता अदालत के फैसले ने हमें विश्वास दिलाया है कि ग्राहक की बात भी सुनी जाती है।

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