Wednesday, August 13, 2025

प्राइवेट बिल्डर ने यहां सैंकड़ों लोगों को बिना किसी परमिशन पहले ही बेच दिए प्लॉट और प्रोजेक्ट

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर: अगर आप भी मोहाली के सेक्टर 120,121,122,123 और 124 में किसी तरह की
प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कर चुके हैं, तो अब चुप रहने का समय नहीं है। आपकी मेहनत की कमाई और इन्वेस्टमेंट खतरे में है। आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। जिस किसी भी बिल्डर ने यहां पर प्लॉट दिलवाने या फिर आगे सोसाइटी बनाकर फ्लैट देने का झांसा देकर आपसे पैसे इन्वेस्ट करवाए हैं, वह आपसे ठगी कर रहा है। उससे तुरंत अपना पैसा वापस मांगें। अगर वह पैसा वापस नहीं देता, तो तुरंत उसकी पुलिस में शिकायत करें।

चंडीगढ़ दिनभर ने कई दिन पहले ही चेताया था, लेकिन अब पंजाब सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है कि वे इन सेक्टरों को एक्वायर कर आम जनता के लिए मकान और अन्य सुविधाओं के लिए सरकारी प्रोजेक्ट बनाने जा रही है। यानि अब जिस बिल्डर के पास आपका पैसा लगा है, उसके पास जाएं, उससे सीएलयू (CLU) की कॉपी मांगें। अगर उसके पास सीएलयू नहीं है, तो जो प्रोजेक्ट उसने आपको बेचा है, उसकी सीएलयू आवेदन की कॉपी (पूरे प्रोजेक्ट की 25 फीसदी रजिस्ट्री और 75 फीसदी कंसेंट के साथ) मांगे। अगर कंपनी ने यह आवेदन 31 मार्च से पहले सरकार में किया है, तो उसकी अटेस्टेड कॉपी भी मांगे।

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अगर वह यह दस्तावेज नहीं दे सके, तो समझ लीजिए कि आपके साथ ठगी हो रही है और आप तुरंत कानूनी मदद लें, ताकि अपना पैसा वापस निकलवा सकें। क्योंकि अब इन सेक्टरों में अगली कोई भी प्राइवेट कंपनी की सीएलयू होने की उम्मीद न के बराबर है। अब पंजाब सरकार ही इन सेक्टरों को डिवेलप करेगी और जमीन के मालिकों को सीधा पैसा देगी।

मोहाली के इन गांवों की जमीनें सरकार करेगी एक्वायर:
हसनपुर, हुसैनपुर, चंदोगोबिंदगढ़, मनाना, तरौली, झामपुर, बहलोलपुर, बलौंगी, बड़माजरा, बल्लोमाजरा, झंडपुर, देसु माजरा, सिंहपुर, दौन्, रायपुर।

अंडरग्राउंड हो रखे बिल्डर की मुश्किलें बढ़ीं, जज कॉलोनी के नाम पर भी बेच रखा है प्रोजेक्ट और करीब 100 एकड़ का प्रोजेक्ट जिसकी अभी तक नहीं हुई सीएलयू: 

पंजाब सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन और विजिलेंस विभाग की एफआईआर के बाद अंडरग्राउंड हुआ,  यह बिल्डर काफी चर्चा में है। चूंकि सेक्टर 122 में यह बिल्डर करीब 100 एकड़ का एक बड़ा हाउसिंग प्रोजेक्ट लेकर आया था, खुद कंपनी की एक सीनियर महिला कर्मी के मुताबिक लगभग पूरा बिक चुका है। इस प्रोजेक्ट में ‘जज कॉलोनी’ का भी जिक्र किया गया। जबकि चंडीगढ़ दिनभर के मुताबिक इस बिल्डर के पास अब तक कोई भी सीएलयू नहीं है। इतना ही नहीं, जो करीब 27 एकड़ का सीएलयू आवेदन किया गया है, वह भी किसी जज कॉलोनी या प्रोजेक्ट के नाम पर नहीं, बल्कि “स्काई वॉकर कंपनी” के नाम पर किया गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि बाकी लोग जिन्होंने इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाया है, उनकी रकम कैसे सुरक्षित होगी? जिन्होंने सस्ते रेट पर इन्वेस्टमेंट के लिए यहां पैसा लगाया था, उन्हें मुनाफा तो दूर अब अपनी रकम वापस लेने की मशक्कत करनी होगी।

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