Thursday, August 14, 2025

एसएसओसी ने दो हैंड ग्रेनेड और एक ग्लॉक पिस्टल सहित बीकेआई मॉड्यूल के तीन गूर्गों को किया गिरफ्तार 

सागर पाहवा, चंडीगढ़ दिनभर: स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने पाकिस्तान-आईएसआई समर्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है, जिसे आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा के निर्देश पर ब्रिटेन स्थित निशान सिंह द्वारा संचालित किया जा रहा था।
एसएसओसी ने शुक्रवार को रिंदा नामक गिरोह के तीन साथियों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक किशोर भी शामिल है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान अमृतसर के रामदास निवासी सहजपाल सिंह, विक्रमजीत सिंह और एक 17 वर्षीय किशोर के रूप में हुई है। खुफिया सूचना के आधार पर यह कार्रवाई स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) मोहाली द्वारा की गई थी। आरोपियों को जिला अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने दो आरोपियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से दो हथगोले और एक अत्याधुनिक 9एमएम ग्लॉक पिस्टल के साथ तीन जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए। उन्होंने बताया कि यह समूह अमृतसर के इलाके में पुलिस प्रतिष्ठानों पर हमले और लक्षित हत्याओं की साजिश रच रहा था। उन्होंने बताया कि एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया गया है, जिससे अनगिनत निर्दोष लोगों की जान बच गई है। इस मामले में आगे और पीछे के संबंधों को स्थापित करने के लिए आगे की जांच जारी है। एसएसओसी को आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और बरामदगी होने की संभावना है।
एआईजी एसएसओसी मोहाली रवजोत ग्रेवाल ने बताया कि जांच के दौरान गिरफ्तार आरोपी सहजपाल सिंह ने खुलासा किया कि वह अमृतसर के गांव पैरेवाल निवासी लवप्रीत सिंह उर्फ लव के निर्देश पर काम कर रहा था, जो फिरोजपुर जेल में बंद है। सहजपाल के खुलासे के बाद पुलिस टीमें लवप्रीत को एसएसओसी मोहाली में प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला है कि लवप्रीत ने सहजपाल सिंह को निर्देश दिया था, जिसने बरामद हथियारों व विस्फोटक सामग्री को वापस लाने और ले जाने के लिए अपने सहयोगी विक्रमजीत सिंह को शामिल किया था।
गौरतलब है कि लवप्रीत एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और हत्या के प्रयास के तहत कई मामले दर्ज हैं। उसने जमीनी स्तर पर सक्रिय लोगों को संगठित करने और उन्हें निर्देशित करने में अहम भूमिका निभाई थी। एआईजी ने कहा कि बरामद किए गए हथगोले लक्षित विस्फोट में इस्तेमाल किए जाने थे, जिनका विशिष्ट स्थान और समय विदेश में मौजूद संचालकों द्वारा बाद में बताया जाना था, जबकि ग्लॉक पिस्टल की बरामदगी का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों की लक्षित हत्या में इस्तेमाल करना था। पुलिस स्टेशन एसएसओसी मोहाली में शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1)(बी) और 25(7) और विस्फोटक अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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