पंचकूला: इंटरनेशनल फार्मा फेडरेशन की कोर कमेटी की बैठक पंचकूला में आयोजित की गई, जिसमें फार्मा इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा पर विचार-विमर्श हुआ। फेडरेशन के प्रवक्ता सुरेंद्र राठी ने बताया कि फार्मा इंडस्ट्री न केवल स्वास्थ्य सेवा में अहम भूमिका निभा रही है बल्कि यह युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही है। प्रधान गुलशन रावत ने इसे देश की उभरती हुई इंडस्ट्री बताया और इसके विकास में सभी का योगदान जरूरी बताया।
फेडरेशन के सचिव नीरज गिरी ने बैठक में एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) को लेकर उद्योग पेशेवरों को जागरूक करने और नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) के दिशानिर्देशों के अनुरूप कार्य करने पर जोर दिया। इसके अलावा, फार्मास्यूटिकल कंपनियों के लिए एक बड़ा आयोजन करने की योजना, निर्माता और विपणक के बीच समझौते और इंडस्ट्री की पारदर्शिता बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में हाई कोर्ट से एफडीसी मामलों पर स्टे लेने जैसी पुरानी उपलब्धियों का भी उल्लेख हुआ।
बैठक का मुख्य उद्देश्य फार्मा इंडस्ट्री से जुड़ी समस्याओं पर मंथन करना और भविष्य में इनके सकारात्मक समाधान तलाशना रहा। प्रतिभागियों ने उद्योग से जुड़े लोगों की जानकारी बढ़ाने के लिए सेमिनार और कार्यशालाओं की सफलता पर संतोष जताया और इस दिशा में आगे भी काम करने की सहमति दी। बैठक में चेयरमैन संजय सिन्हा, जॉइंट सेक्रेटरी अंकुज खन्ना, विवेक नाशा और मनोज निगम समेत कई सदस्य मौजूद रहे।