चंडीगढ़, चंडीगढ़ दिनभर: जल शक्ति अभियान: “कैच द रेन 2025” के तहत जल संरक्षण की दिशा में भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के अंतर्गत वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (DPIIT) की संयुक्त सचिव गुर्नीत तेज और केंद्रीय भूजल बोर्ड के वैज्ञानिक-सी सुजात्रो राय चौधुरी ने चंडीगढ़ का तीन दिवसीय समीक्षा दौरा किया।
दौरे की शुरुआत सेक्टर 17 स्थित नगर निगम कार्यालय में नगर आयुक्त अमित कुमार द्वारा औपचारिक स्वागत के साथ हुई। इस अवसर पर विशेष आयुक्त प्रदीप कुमार, मुख्य अभियंता संजय अरोड़ा, वन विभाग, यूटी इंजीनियरिंग, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति अभियान की तकनीकी टीम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक में नगर निगम ने चंडीगढ़ में चल रही प्रमुख जल संरक्षण पहलों की जानकारी दी, जिनमें सार्वजनिक और निजी भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थापना, गैर-पीने योग्य कार्यों के लिए तृतीयक उपचारित जल का उपयोग, अमृत सरोवर सहित झीलों का पुनर्जीवन और सुखना वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के निकट वृक्षारोपण अभियान शामिल हैं।
समीक्षा दल ने कई परियोजना स्थलों का दौरा किया, जिनमें शामिल थे:
- सेक्टर 14/15 राउंडअबाउट पर रोडसाइड रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
- धनास झील, जहां सौर ऊर्जा से चलने वाले फ्लोटिंग फव्वारे लगाए गए हैं
- सेक्टर 37 जल कार्यों पर स्थित जल शक्ति केंद्र
- गांव काजहेड़ी स्थित सरकारी हाई स्कूल में वर्षा जल संचयन प्रणाली
- डिग्गियन एसटीपी, जहां तृतीयक जल शोधन प्रणाली का प्रदर्शन किया गया
कॉलोनी नंबर 4 में पुनर्जीवित जल निकाय:
गुर्नीत तेज ने शहर के समन्वित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “चंडीगढ़ सतत शहरी जल प्रबंधन के लिए एक मॉडल के रूप में उभर रहा है। नवाचार, अधोसंरचना और सामुदायिक सहभागिता का संतुलन प्रशंसनीय है।” सुजात्रो राय चौधुरी ने धनास झील पर फ्लोटिंग सोलर सिस्टम के प्रयोग और जल शक्ति केंद्र की जन-जागरूकता में भूमिका की प्रशंसा की।