चंडीगढ़, चंडीगढ़ दिनभर: अब मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में पार्षद गुप्त वोटिंग की बजाय सबके सामने हाथ उठाकर वोट देंगे। इस बदलाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने एक साल तक संघर्ष किया, जो अब जाकर सफल हुआ है। इसे आप और जनता की लोकतंत्र की जीत बताया जा रहा है।
वीरवार को सेक्टर 27 स्थित प्रैसक्लब में हुई प्रैसवार्ता में आम आदमी पार्टी ने कहा कि 30 जनवरी 2024 को हुए मेयर चुनाव में वक्क-कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप कुमार ढलोर के आठ वोट रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने अमान्य कर दिए थे। यह पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” बताया और चुनाव रद्द कर ढलोर को ही वैध मेयर घोषित किया। 30 अक्टूबर 2024 को आप पार्षद योगेश ढींगरा ने नगर निगम बैठक में हाथ उठाकर वोटिंग का प्रस्ताव पास करवाया और एडमिनिस्ट्रेशन को भेजा। 3 जनवरी 2025 को कुलदीप ढलोर, ढींगरा और अन्य आप पार्षदों ने चंडीगढ़ प्रशासन को ज्ञापन देकर गुप्त मतदान हटाने की मांग की।
वहीं 10 जनवरी 2025 को आप ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें 24 जनवरी के गुप्त मतदान चुनाव को रद्द करने की मांग की गई। 20 जनवरी 2025 को हाईकोर्ट ने चुनाव की अधिसूचना रद्द की और नई तारीख तय करने को कहा। 9 जून 2025 को सांसद मनीष तिवारी ने संसद में भी यह मुद्दा उठाया और पूरे देश में हाथ उठाकर वोटिंग की मांग की। 25 जून 2025 को चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब मेयर चुनाव खुले तरीके से होगा। आप ने अगली मांग की हैं कि ये लोकतंत्र की आधी जीत है। अब उनकी मांग है कि चंडीगढ़ नगर निगम में दल-बदल कानून भी लागू किया जाए, ताकि पार्षद इधर-उधर न हों और जनता की आवाज न दबे।