चंडीगढ़: नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), यूटी चंडीगढ़ द्वारा आज एक महत्वपूर्ण जनजागरूकता अभियान आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम शिव मंदिर रामदरबार, इंदिरा कॉलोनी और हल्लोमाजरा में आयोजित हुआ, जिसमें सेहत एनजीओ का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम की थीम— “ड्रग्स को न कहें, जीवन को हां कहें”, “नशा मुक्त भारत”, “युद्ध नशे के विरुद्ध” तथा “नोप टू डोप”—ने समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया। इसका मुख्य उद्देश्य नशीली दवाओं की लत से होने वाले सामाजिक, मानसिक और शारीरिक नुकसानों के बारे में लोगों को जागरूक करना था।
इस अवसर पर शहर के अनेक गणमान्य व्यक्ति, एनजीओ प्रतिनिधि, चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। उपस्थित सभी लोगों ने ‘ड्रग्स को न कहें’ की सामूहिक शपथ लेकर समाज में नशामुक्ति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
डीएलएसए के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यक्रम समाज में युवाओं को जागरूक करने और नशीली दवाओं के खिलाफ जन सहयोग प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके माध्यम से यह संदेश दिया गया कि नशा न केवल व्यक्ति की सेहत को नष्ट करता है, बल्कि उसके परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है।
इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, यूटी, चंडीगढ़ की देखरेख में कार्यरत लीगल एड क्लिनिक रामदरबार के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि यह क्लिनिक मुफ्त कानूनी सहायता, परामर्श सेवाएं और जरूरतमंदों को न्याय दिलाने हेतु अन्य विधिक सहायता प्रदान करता है।
एनजीओ ‘सेहत’ की ओर से विशेषज्ञों ने नशा मुक्ति से जुड़े अनुभव साझा किए और बताया कि नशीली दवाओं की लत से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि समाज के सहयोग से पुनर्वास संभव है और हर नशे के शिकार व्यक्ति को एक दूसरा मौका दिया जाना चाहिए।