Thursday, August 14, 2025

अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी विरोधी दिवस पर आयोजित किए गए कानूनी जागरूकता शिविर

पंचकूला: अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), पंचकूला द्वारा जिले के विभिन्न स्थलों पर कानूनी जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। यह पहल हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (HALSA) की वार्षिक कार्य योजना 2025 के अंतर्गत की गई, जिसका उद्देश्य समाज को मादक द्रव्यों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खतरों के प्रति जागरूक करना है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अपर्णा भारद्वाज ने बताया कि इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य युवाओं समेत आम जनता को नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव और उनसे संबंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी देना था। उन्होंने बताया कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जोलूवाल गांव, पिंजौर के पास आयोजित शिविर में पैनल अधिवक्ता आशीष ने ग्रामीणों को नशीली दवाओं के स्वास्थ्य और सामाजिक प्रभावों के साथ-साथ कानूनी दंडों के बारे में बताया। उन्होंने यह भी समझाया कि समय पर सहायता प्राप्त करने से नशे की लत से उबरा जा सकता है।
पंचकूला के सेक्टर 16 स्थित चिल्ड्रन केयर इंस्टीट्यूशन (सीसीआई) आशियाना में आयोजित एक अन्य सत्र में अधिवक्ता सुमिता वालिया ने बच्चों और संस्थान के स्टाफ को संबोधित किया। उन्होंने नशे की लत से जुड़े मानसिक और शारीरिक जोखिमों के बारे में जानकारी दी और बताया कि कानूनी सेवा संस्थाएं किस प्रकार सहायता प्रदान कर सकती हैं।
सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज, मोरनी में अधिवक्ता संदीप राय शर्मा ने छात्रों को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी। कॉलेज के प्राचार्य दलजीत सिंह ने भी छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनने और जीवन में सकारात्मक विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित किया।
इसके अतिरिक्त, सेक्टर 6, पंचकूला के सरकारी अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में पैनल अधिवक्ता के साथ-साथ नशा मुक्ति केंद्र के चिकित्सक डॉ. मनोज ने भी भाग लिया। उन्होंने नशे की लत के कारणों, प्रभावों और उपचार के विकल्पों पर प्रकाश डाला। रोगियों और उनके परिजनों को चिकित्सा और कानूनी सहायता प्रणालियों के समन्वय से उपचार की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने का सुझाव दिया गया।
अपर्णा भारद्वाज ने बताया कि HALSA और NALSA द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। पैनल अधिवक्ताओं ने न केवल जानकारी साझा की, बल्कि संवादात्मक सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं को शांत किया और उन्हें व्यावहारिक कानूनी मार्गदर्शन भी प्रदान किया।
उन्होंने यह भी बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सेक्टर 6 स्थित नशा मुक्ति केंद्र का हर महीने औचक निरीक्षण किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपचार प्रक्रिया पारदर्शी, मानवीय और प्रभावी हो।
अपर्णा भारद्वाज ने कहा, “कानूनी और चिकित्सा सहयोग का यह समकालिक दृष्टिकोण केवल जागरूकता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक ठोस सामुदायिक समाधान का निर्माण करने की दिशा में एक ठोस कदम है।”
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