चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी महिला विंग की अध्यक्ष और पार्षद प्रेमलता ने चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग और इसकी चेयरपर्सन शिल्पा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग बाल कल्याण की बजाय प्रतिष्ठा का प्रतीक बनकर रह गया है और शहर के वंचित बच्चों के हित में कोई ठोस कार्य नहीं हो रहा।
प्रेमलता ने भारत सरकार के बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 36 के तहत गठित इस आयोग को अप्रभावी बताते हुए कहा कि: “शहर के हर चौक, सिग्नल और बाजार में बच्चे भीख मांगते, गुब्बारे या पेन बेचते, होटल-ढाबों पर बंधुआ मजदूर की तरह काम करते मिलते हैं। लेकिन आयोग आंख मूंदे बैठा है।”
“चेयरपर्सन ने वंचित बच्चों के लिए क्या किया?”— प्रेमलता का सवाल:
प्रेमलता ने आयोग की वर्तमान चेयरपर्सन शिल्पा, जो भाजपा से नामित पार्षद
भी रह चुकी हैं, पर सवाल दागते हुए कहा: “आपने सैक्टर 34 की मार्केट और एग्जीबिशन ग्राउंड में घूमते इन वंचित बच्चों के लिए अब तक क्या किया? यदि आप इन्हें इस अभिशाप से मुक्त नहीं कर सकतीं, तो आपको पद से इस्तीफा देकर पार्टी कार्यालय में बैठ जाना चाहिए।”
बच्चों से जुड़े गंभीर मुद्दों की ओर दिलाया ध्यान:
प्रेमलता ने कहा कि स्कूलों में गुड टच-बैड टच, स्वच्छता, ड्रॉपआउट जैसे
अहम मुद्दों पर कोई विशेष अभियान नहीं चल रहा। उन्होंने दावा किया कि शहर
में स्कूलों के आसपास नशे की बिक्री की खबरें लगातार सामने आ रही हैं, और
इस पर आयोग की चुप्पी सवाल खड़े करती है। “ऐसे कैंप स्कूलों में नियमित रूप से चलने चाहिए, लेकिन न प्रशासन जागरूक है, न आयोग। बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर भी चिंताजनक बनी हुई है।”
“नशे के आयोजन नहीं, सड़कों पर उतरें”— प्रेमलता की दो टूक:
प्रेमलता ने यह भी कहा कि आयोग 8 जुलाई को नशा विरोधी आयोजन की तैयारी कर रहा है, लेकिन यह सिर्फ भीड़ इकट्ठा करने की कवायद बनकर न रह जाए। “यदि आप सच्चे मन से बच्चों का भला चाहती हैं, तो एयर कंडीशंड ऑफिस से बाहर आइए और सड़कों पर उनके साथ खड़ी होइए। नहीं तो कार्यकाल पूरा होने पर जनता आपसे हिसाब मांगेगी।”
“AAP सड़कों पर साथ चलने को तैयार”:
प्रेमलता ने अंत में शिल्पा को खुला न्योता देते हुए कहा कि अगर वे
वास्तव में बच्चों के अधिकारों के लिए संघर्ष करना चाहती हैं, तो आम आदमी
पार्टी उनके साथ सड़कों पर उतरकर काम करने को तैयार है।