पंचकूला के कालका क्षेत्र में वन्य प्राणी अंगों के अवैध संग्रहण का एक गंभीर मामला सामने आया है। 10 मई 2024 को रामबाग, भैरों कॉलोनी की एक झुग्गी बस्ती से तेंदुए जैसे संरक्षित वन्य जीव के अंगों की मौजूदगी की सूचना वन विभाग को मिली थी। वन्य जीव निरीक्षक सुरजीत सिंह के नेतृत्व में टीम ने छापेमारी कर अंगूरी देवी की झोपड़ी से चार उबले हुए पंजे बरामद किए। आरोपी महिला मौके से फरार हो गई थी। पंजों को पहचान के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून भेजा गया। 12 जुलाई 2024 को रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि ये पंजे तेंदुए के हैं, जो वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के तहत संरक्षित श्रेणी में आता है।
रिपोर्ट मिलने के बाद मंडलीय वन्य जीव अधिकारी पंचकूला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पिंजौर थाना में कानूनी कार्रवाई के लिए पत्राचार किया। 5 मई 2025 को पिंजौर थाना में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 39 और 51 के तहत केस दर्ज किया गया। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने लगातार प्रयास किए और गुप्त सूचनाओं पर नजर रखी। आखिरकार 21 जून को सब-इंस्पेक्टर करनैल सिंह और महिला सिपाही पुष्पा ने वासुदेवपुरा मार्केट से अंगूरी देवी को गिरफ्तार कर लिया। उसे अदालत में पेश कर एक दिन का पुलिस रिमांड लिया गया और फिर 22 जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस और वन विभाग इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच कर रहे हैं। दोनों विभागों ने आम लोगों से अपील की है कि यदि किसी को भी वन्य जीवों की तस्करी, शिकार या अंगों की बिक्री की सूचना मिले तो तुरंत पुलिस या वन विभाग को सूचित करें ताकि इस तरह के अपराधों पर सख्त कार्रवाई की जा सके। पुलिस उपायुक्त पंचकूला सृष्टि गुप्ता ने कहा कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए सभी का सहयोग जरूरी है।