पंचकूला: पुलिस उपायुक्त पंचकूला सृष्टि गुप्ता के नेतृत्व में न सिर्फ साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है, बल्कि आम लोगों को समय-समय पर जागरूक भी किया जा रहा है ताकि वे किसी भी तरह की साइबर ठगी का शिकार न हों। इसी कड़ी में साइबर क्राइम थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह और उनकी टीम ने सेक्टर-20 की मुख्य मार्केट में विशेष साइबर जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान में बाजार में मौजूद दुकानदारों, राहगीरों और स्थानीय निवासियों को साइबर अपराध के नए-नए तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। टीम ने बताया कि साइबर अपराधी आजकल डिजिटल अरेस्ट, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन, फर्जी लॉटरी, केवाईसी अपडेट और फिशिंग लिंक जैसे तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं।
पुलिस टीम ने उदाहरणों के साथ समझाया कि डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर वीडियो कॉल पर डराते हैं और पैसे वसूलते हैं। इन्वेस्टमेंट फ्रॉड में ज्यादा मुनाफे का लालच देकर फर्जी स्कीमों में निवेश कराया जाता है। सेक्सटॉर्शन के मामलों में अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता है। इसी तरह, फर्जी लॉटरी और इनाम के नाम पर टैक्स या रजिस्ट्रेशन शुल्क लेकर लोगों से ठगी की जाती है। केवाईसी अपडेट या फिशिंग लिंक के जरिए ठग लोगों की संवेदनशील जानकारी चुरा लेते हैं और आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं। पुलिस ने लोगों को सावधान किया कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, अज्ञात नंबर से आई कॉल पर ओटीपी या बैंक की जानकारी साझा न करें और कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी प्रमाणिकता जरूर जांचें।
अभियान के दौरान लोगों को पैंफलेट वितरित किए गए जिनमें साइबर ठगी से बचने के उपाय, महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर और शिकायत दर्ज कराने की आसान प्रक्रिया दी गई थी। पुलिस ने लोगों को बताया कि किसी भी साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। पंचकूला पुलिस का यह प्रयास लोगों ने सराहा और इसे समय की जरूरत बताया। पुलिस ने भरोसा दिलाया कि यह अभियान आगे भी विभिन्न क्षेत्रों में जारी रहेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सकें।