चंडीगढ़: आज देशभर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़ के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक विशेष योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 4,500 डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन, अन्य कर्मचारियों और उनके परिवारों ने एक साथ योग करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
कार्यक्रम में पीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर विवेक लाल, डिप्टी डायरेक्टर पंकज राय, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर विपिन कौशल सहित कई विभागों के प्रमुख भी मौजूद रहे। इन सभी ने मंच पर न केवल योगाभ्यास किया, बल्कि जीवन में योग के महत्व को भी साझा किया।
पीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर विवेक लाल ने कहा कि आज योग भारत की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की धरोहर बन चुका है। उन्होंने बताया कि बदलती जीवनशैली के दौर में योग न केवल मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि कई बीमारियों को ठीक करने में भी लाभदायक है। उन्होंने कहा, “एक डॉक्टर के तौर पर मैं यह कह सकता हूं कि योग का असर अब मेडिकल रिसर्च में भी दिखने लगा है। हम पीजीआई में भी इस विषय पर शोध कर रहे हैं कि योग किस-किस बीमारी में सबसे अधिक प्रभावी है।”
उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाएं, ताकि शरीर और मन दोनों स्वस्थ रह सकें।
कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि इस बार पीजीआई में पहली बार इतने बड़े स्तर पर डॉक्टरों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले डॉक्टरों ने स्वयं योग किया, वहीं उनके साथ बच्चों और परिजनों की भी उत्साहपूर्ण भागीदारी देखने को मिली। यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग के महत्व को दर्शाता है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि डॉक्टरों के लिए भी योग उतना ही जरूरी है जितना आम नागरिकों के लिए।
पीजीआई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुए इस आयोजन को देखकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले वर्षों में योग पीजीआई की दैनिक संस्कृति का हिस्सा बन सकता है। इस ऐतिहासिक भागीदारी ने न केवल एक रिकॉर्ड बनाया, बल्कि यह साबित किया कि जब चिकित्सा विशेषज्ञ भी योग की शक्ति को स्वीकार करते हैं, तो आम जनता को इसे अपनाने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए।