Saturday, August 16, 2025

सीपीडीएल प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ यूटीयू पॉवरमैन यूनियन का प्रदर्शन, प्रमोशन की पोस्टें खाली, अनट्रेंड भर्तियों पर जताया रोष

चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों की पदोन्नति से जुड़ी मांगों को लेकर यूटीयू पॉवरमैन यूनियन ने आज बिजली कार्यालय सेक्टर-18 में जोरदार रोष रैली की। यह विरोध प्रदर्शन सीपीडीएल प्रबंधन द्वारा पिछले पाँच महीनों से प्रमोशन कोटे की खाली पड़ी पोस्टों को नजरअंदाज कर एफआरटी (फील्ड रिस्पॉन्स टीम) के नाम पर अनट्रेंड कर्मचारियों की भर्तियों के खिलाफ किया गया।

रैली को यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, वरिष्ठ उप प्रधान सुखविंदर सिंह, गुरमीत सिंह, राम गोपाल, सत्कार सिंह, वीरेंदर सिंह, सुरजीत सिंह, हरजिंदर सिंह और मनप्रीत सिंह ने संबोधित किया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ प्रशासन और सीपीडीएल प्रबंधन की मिलीभगत के कारण विभागीय कर्मचारी प्रमोशन से वंचित रह गए हैं, जबकि बाहरी और अस्थायी कर्मचारियों को विभाग पर थोप दिया गया है।

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वक्ताओं ने कहा कि बाहर से लाए गए कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन से दोगुना वेतन और ट्रांसपोर्ट भत्ता दिया जा रहा है, जबकि विभाग के स्थायी कर्मचारी हतोत्साहित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अधिकारियों को समायोजित करने के लिए एसटीयू, एसएलडीसी, ईआई और एसडीए जैसे चार छोटे-छोटे विंग बनाकर उन्हें समायोजित कर दिया गया, लेकिन पुराने, सीनियर और जल्द रिटायर होने वाले कर्मचारियों को निजी कंपनी में जबरन भेजा जा रहा है।

वक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि दिव्यांग कर्मचारियों को प्रशासनिक आदेश के बावजूद अन्य विभागों में समायोजित नहीं किया गया, और पिक एंड चूज नीति के तहत कुछ को विभाग में ही रखा गया, जबकि अन्य को निजी कंपनी के हवाले कर दिया गया। इसके साथ ही सुपरिंटेंडेंट, रेवेन्यू अकाउंटेंट और जेईज को भी चहेते आधार पर समायोजित किया गया।

यूनियन ने प्रशासन से मांग की कि यदि अधिकारियों को छोटे-छोटे विंग बनाकर समायोजित किया जा सकता है, तो विभागीय कर्मचारियों को अन्य विभागों की खाली पोस्टों पर क्यों नहीं समायोजित किया जा सकता।

यूनियन ने सीपीडीएल की तानाशाही और गैर-जिम्मेदार रवैये की आलोचना करते हुए प्रशासक से आग्रह किया कि बिना सहमति के निजी कंपनी में भेजे गए कर्मचारियों को वापस लाकर सरकारी विभागों की खाली पदों पर समायोजित किया जाए। इस प्रदर्शन के माध्यम से यूनियन ने स्पष्ट कर दिया कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आगे और बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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