चंडीगढ़: पंजाब कला भवन में आज एक अनूठे और विचारोत्तेजक नाटक “लाइक्स, लेज एंड लेबल्स” का मंचन हुआ, जिसका उद्घाटन भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और पूर्व सांसद सत्य पाल जैन ने किया। यह कार्यक्रम एक समर कैंप के समापन समारोह का हिस्सा था, जो बच्चों में जागरूकता और गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम पर केंद्रित था।
इस कार्यक्रम का आयोजन आर. जे. फोनिक्स द्वारा जनरेशन सेवियर एसोसिएशन के सहयोग से किया गया। समर कैंप और नाटक, डब्ल्यूएचओ द्वारा तैयार जेननेक्स्ट-एग्जिट एनसीडी इंटरवेंशन टूल के हिस्से के रूप में आयोजित हुए, जिसका उद्देश्य स्कूली बच्चों में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम करना है। इस पहल को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता वैभव पाराशर का भी सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ।
आधुनिक पालन-पोषण की झलक
नाटक की थीम डिजिटल युग में आधुनिक पेरेंटिंग पर आधारित थी, जिसमें सोशल मीडिया पर मान्यता की चाह, सहपाठियों का प्रभाव और ब्रांड-संवेदीता जैसे मुद्दों को रचनात्मक तरीके से पेश किया गया। यह आज के बच्चों की डिजिटल दुनिया में बढ़ती संवेदनशीलता और चुनौतियों को दर्शाता है।
सत्य पाल जैन ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “बच्चों को इतने जटिल सामाजिक विषयों से नाटक जैसे माध्यम के जरिए जुड़ते देखना वास्तव में प्रेरणादायक है। इस तरह की पहल समाज में जागरूकता और संवाद की संस्कृति को बढ़ावा देती है।”
नन्हे कलाकारों की बड़ी प्रस्तुति
इस नाटक की सबसे खास बात रही 3 से 8 वर्ष के बच्चों की उत्साही भागीदारी। बच्चों ने अपनी मासूमियत, आत्मविश्वास और कल्पनाशीलता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच पर उनके सहज प्रदर्शन ने आज के पालन-पोषण की जटिलताओं को नए दृष्टिकोण से सामने रखा।
जन-सहभागिता और प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में अभिभावकों, शिक्षकों, कानूनी विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। सभी ने नाटक की संकल्पना, प्रस्तुति और इसके सामाजिक संदेश की सराहना की। दर्शकों का कहना था कि यह नाटक सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का भी माध्यम बना। कार्यक्रम ने एक ऐसे विचार को जन्म दिया जो आज हर अभिभावक और शिक्षक के लिए प्रासंगिक है — क्या हम अपने बच्चों को डिजिटल दुनिया में समझदारी से बड़ा कर पा रहे हैं?