Friday, August 15, 2025

मोतिया रॉयल एस्टेट के मालिकों प्रवीण कांसल(रॉकी), नीरज कांसल और इंदु कांसल पर धोखाधड़ी का केस दर्ज

मोहाली: मोतिया रॉयल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के मालिकों प्रवीण कांसल, नीरज कांसल और इंदु कांसल के खिलाफ विजिलेंस ने एक गंभीर धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

यह केस उस समय दर्ज हुआ जब एक अन्य साझेदार (पार्टनर) ने शिकायत दी कि इन तीनों ने जानबूझकर उसे धोखे में रखकर ततिमा रजिस्ट्रेशन (ज़मीन की रजिस्ट्री) अपने नाम करवा ली, और उसे जानकारी तक नहीं दी।

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– मोतिया रॉयल स्टेट के मालिकों की जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
– मोहाली – जीरकपुर में चल रहे हैं कई बड़े प्रोजेक्ट

क्या है मामला?

शिकायत के मुताबिक, प्रवीण कांसल, नीरज कांसल और इंदु कांसल ने मिलकर कंपनी के एक और पार्टनर से बड़ी धनराशि का निवेश करवाया, लेकिन बाद में उस निवेश से जुड़ी जमीन को अपने नाम पर ततिमा रजिस्टर्ड करवा लिया। इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी उस अन्य पार्टनर को नहीं दी गई। जब इस धोखाधड़ी का पता चला, तो उसने तुरंत मुल्लांपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि तहसीलदार तरसेम लाल की मिलीभगत से यह साजिश रची गई और उन्होंने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग कर इस रजिस्ट्री को मंजूरी दी।

पुलिस जांच और केस दर्ज:

प्राथमिक जांच में आरोपों को सही पाया गया। इसके बाद मुल्लांपुर थाना पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की।

एफआईआर में जोड़ी गई धाराएं:

IPC धारा 420 – धोखाधड़ी से संपत्ति प्राप्त करना

IPC धारा 120-B – आपराधिक साजिश रचना

ये दोनों धाराएं गैर-जमानती हैं और दोष सिद्ध होने पर 7 वर्ष तक की सज़ा और जुर्माना हो सकता है।

निवेशकों की चिंता बढ़ी:

मोतिया रॉयल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड पर केस दर्ज होने के बाद कंपनी में निवेश करने वाले लोगों में घबराहट फैल गई है। कंपनी ने पंजाब में कई प्रोजेक्ट्स लॉन्च कर रखे हैं, विशेषकर ज़ीरकपुर और मोहाली में। अब लोग इस चिंता में हैं कि कहीं उनकी पूंजी डूब न जाए। निवेशकों ने कहा कि उन्होंने कंपनी की ब्रांडिंग और प्रचार पर भरोसा कर निवेश किया था, लेकिन अब सबकुछ असुरक्षित लग रहा है।

प्रशासनिक मिलीभगत के आरोप:

शिकायत में यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया में तहसीलदार तरसेम लाल की मिलीभगत रही। आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों को वैध माना और नियमों को नजरअंदाज करते हुए प्रवीण कांसल और अन्य के पक्ष में ततिमा रजिस्टर्ड कर दी।

आगे की कार्रवाई:

मोहाली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी और को भी मोतिया रॉयल एस्टेट से जुड़ी कोई धोखाधड़ी या निवेश में नुकसान हुआ है, तो वे आगे आकर शिकायत करें। पुलिस का कहना है कि मामले की विस्तृत जांच जारी है और आवश्यकता पड़ने पर आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जा सकती है। बता देगी, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एप्रूव्ड प्रोजेक्ट पर ही निवेश करें ताकि किसी भी तरह के धोखाधड़ी व नुकसान से बच सके।

इस प्रकरण ने एक बार फिर से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता की कमी और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रवीण कांसल, नीरज कांसल और इंदु कांसल जैसे बड़े नामों पर मामला दर्ज होना अपने आप में एक गंभीर चेतावनी है – खासकर उन निवेशकों के लिए जो आंख मूंदकर किसी भी प्रोजेक्ट में पैसा लगा देते हैं।

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