हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा इलाके में मंगलवार सुबह एक अनोखा और गंभीर विरोध देखने को मिला। अमृतसरी फार्म निवासी किसान बलविंद्र सिंह ने राज्य सरकार और PWD विभाग की लापरवाही से तंग आकर स्टेट हाईवे-6 पर ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी करके ईंटों की दीवार बना दी। विरोध के कारण सड़क पर लंबा जाम लग गया। प्रशासन को मौके पर पहुंचकर घंटों मशक्कत करनी पड़ी, तब जाकर मामला शांत हुआ।
किसान की जमीन पर 1987 में बनी थी सड़क
किसान बलविंद्र सिंह का आरोप है कि साल 1987 में सरकार ने बिना कोई मुआवजा दिए उनकी 22 मरले जमीन पर सड़क बना दी थी। इस मामले में उन्होंने 2006 में सिविल कोर्ट में केस दायर किया, जिसमें 2013 में कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि छह महीने के भीतर या तो मुआवजा दिया जाए या सड़क हटा दी जाए।
कोर्ट से तीन बार जीत, फिर भी नहीं मिला इंसाफ
बलविंद्र ने बताया कि इसके बाद उन्होंने कोर्ट में एक्जीक्यूशन फाइल की और 2018 में कोर्ट ने उन्हें कब्जा दिलवाया। सरकार ने इस पर हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन वहां भी उनकी याचिका खारिज हो गई। 2023 में जब किसान ने फिर कब्जा लिया, तो SDM ने आश्वासन दिया कि 2-4 दिन में मुआवजा मिल जाएगा, लेकिन फिर सरकार कोर्ट चली गई और फिर से राहत नहीं मिली।
विरोध में खड़ी की दीवार, दो घंटे का जाम
न्याय न मिलने से तंग आकर मंगलवार को बलविंद्र सिंह अपने साथियों के साथ सुबह 11 बजे सड़क पर पहुंचे और ट्रैक्टर-ट्रॉली लगाकर ईंटों की दीवार खड़ी कर दी। इससे हाईवे के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। नायब तहसीलदार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और किसान से बातचीत की। करीब दो घंटे बाद प्रशासन के आश्वासन पर बलविंद्र सिंह ने ईंटें हटाई।
वकील ने बताया – प्रशासन कर रहा है आदेशों की अवहेलना
किसान के वकील मिथुन अत्रि ने बताया कि कोर्ट ने साफ आदेश दिए हैं, लेकिन सरकार बार-बार मामले को लटकाती रही है। अब सेशन कोर्ट से भी विभाग की अपील खारिज हो चुकी है, इसके बावजूद मुआवजा नहीं दिया गया।
PWD की सफाई – मिल चुका है मुआवजा, अब अतिरिक्त राशि पर विचार
PWD के एक्सईएन ऋषि सचदेवा ने बताया कि किसान को पहले ₹5,50,000 का मुआवजा दिया जा चुका है। हालांकि बाद में कोर्ट ने अतिरिक्त मुआवजा देने का निर्देश दिया, जिसे लेकर विभाग हाईकोर्ट और फिर सेशन कोर्ट गया, लेकिन दोनों जगह हार मिली। अब विभाग नियमों के अनुसार जो राशि बनती है, वह देने की प्रक्रिया में है।
उन्होंने कहा कि हम टकराव नहीं चाहते। किसान को समझाया गया है और आश्वासन दिया गया है कि नियमानुसार जो मुआवजा तय होगा, वह उन्हें दिया जाएगा। अब मामला सुलझाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।