पंजाब के खरड़ की वह महिला, जिसने येशु-येशु बाबा के नाम से मशहूर पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया था, अब खुद एक बड़े विवाद में फंस गई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बल्ह थाना में महिला और उसके पति के खिलाफ गैंगरेप, अपहरण और मारपीट जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। महिला का दावा है कि यह मुकदमा पूरी तरह फर्जी और साजिशन है, जिसे जेल में बंद बजिंदर सिंह ने रचवाया है। उन्होंने कहा कि यह सब उन्हें फंसाने की कोशिश है क्योंकि उन्होंने बजिंदर के खिलाफ पहले 2018 में बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था और हाल ही में अप्रैल 2025 में बजिंदर को सजा भी हुई थी।
कैसे हुआ खुलासा?
महिला और उसके पति को इस मामले की जानकारी तब हुई जब 7 जून 2025 की सुबह करीब 9 बजे मंडी जिले के बल्ह थाना की पुलिस टीम उनके घर पहुंची और उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ दर्ज गैंगरेप के मामले में उनकी जमानत याचिका मंडी कोर्ट से खारिज हो चुकी है। यह सुनकर दंपती हैरान रह गए क्योंकि उनका कहना है कि न तो वे कभी मंडी गए, न ही किसी कोर्ट में बेल याचिका दायर की, और न ही उन्हें इस मामले की कोई जानकारी या नोटिस मिला।
महिला और पति ने लगाए गंभीर आरोप:
महिला ने पुलिस से कहा कि जिस जमानत याचिका की बात की जा रही है, वह फर्जी है। उन्होंने दावा किया कि किसी ने उनके आधार कार्ड की कॉपी लगाकर उनके नाम से 3 जून को जमानत याचिका दाखिल कर दी, जिसकी 4 जून को सुनवाई हुई और 6 जून को कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।
महिला के तीन प्रमुख आरोप:
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फर्जी तरीके से बेल दाखिल करना
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि पहले एफआईआर दर्ज हुई और उसके तुरंत बाद उनके नाम से बेल भी लगाई गई, जो पूरी तरह अवैध है। उन्हें इस प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं दी गई। यह सब उन्हें फंसाने के लिए किया गया। -
सबूत दिए, फिर भी बना आरोप
पुलिस जब उनके घर पहुंची तो उनसे 22 और 23 मई की लोकेशन के बारे में पूछा गया। महिला और उसके पति ने तुरंत सारे डिजिटल सबूत, गनमैन की उपस्थिति की जानकारी और CCTV फुटेज पुलिस को सौंप दिए। -
हाईकोर्ट से मिली सुरक्षा
महिला और उनके पति ने यह भी बताया कि उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से सुरक्षा प्राप्त है। दोनों को गनमैन मुहैया कराए गए हैं और यदि वे शहर से बाहर जाते हैं तो पुलिस को सूचित करना होता है। ऐसे में उनका मंडी जाना संभव ही नहीं है।
महिला ने क्या कहा एफआईआर के बारे में?
महिला ने बताया कि एफआईआर में यह कहा गया है कि वह मोहाली के फेज-6 में खड़ी थी, जहां उसे एक महिला ने कोल्ड ड्रिंक में कुछ पिलाया। इसके बाद कथित रूप से सरबजीत सिंह और प्रितपाल सिंह आए और उसे जबरदस्ती इनोवा गाड़ी में डालकर मंडी ले गए, जहां पिस्तौल की नोक पर उसके साथ गैंगरेप हुआ। लेकिन आरोपी महिला का कहना है कि यह कहानी पूरी तरह मनगढ़ंत है और उन्हें बदनाम करने और झूठे केस में फंसाने के लिए बनाई गई है।
न्यायिक कार्रवाई की मांग
महिला ने हिमाचल प्रदेश के डीजीपी और मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने विशेष तौर पर उन वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है जिन्होंने उनके नाम से कथित रूप से फर्जी बेल याचिका लगाई।
पुलिस की जांच
पुलिस टीम ने करीब चार घंटे तक महिला और उसके पति से पूछताछ की और आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली। इसके अलावा गनमैन से भी पूछताछ की गई। इस बीच महिला और उसके पति ने हिमाचल प्रदेश की पुलिस से उचित जांच की अपील की है।
महिला की अंतिम बात:
“अगर मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदार हिमाचल प्रदेश की मंडी पुलिस होगी। यह सब बजिंदर सिंह द्वारा जेल से करवाया जा रहा ़है। उसे जेल में भी सारी सुविधाएं मिल रही हैं। हमारे खिलाफ यह एक साजिश है।” यह मामला अब एक बेहद पेचीदा मोड़ ले चुका है जिसमें एक ओर जहां महिला खुद को झूठे केस में फंसाने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में गैंगरेप और अपहरण जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पूरा मामला न्यायालय और उच्च अधिकारियों की जांच का विषय बन गया है।