Thursday, August 14, 2025

पाकिस्तानी एजेंट नासिर ढिल्लों का बड़ा खुलासा: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत से मांगी गोपनीय जानकारी, पुंछ गुरुद्वारे पर हमले की पुष्टि यूट्यूबर से की

भारत के खिलाफ जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) एजेंट नासिर ढिल्लों का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वह स्पष्ट रूप से स्वीकार करता है कि जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के समय भारत में मौजूद उसके सूत्रों ने उसे सेना और सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां भेजीं। यही नहीं, नासिर ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले के एक गुरुद्वारे को निशाना बनाया था। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि किस तरह पाकिस्तानी एजेंट सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे माध्यमों के जरिये भारत में अपने नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं।

कब और कैसे सामने आया वीडियो?

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नासिर ढिल्लों ने यह वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर 10 मई 2025 को अपलोड किया था, जो कि ऑपरेशन सिंदूर (7-8 मई की रात) के ठीक तीन दिन बाद है। वीडियो में नासिर भारत पर तरह-तरह के आरोप लगाते हुए खुद को सच्चाई का पक्षधर दिखाने की कोशिश करता है, लेकिन वह खुद यह भी मानता है कि भारत से उसे संवेदनशील जानकारियां मिलीं।

नासिर के वीडियो की तीन प्रमुख बातें:

  1. एयर स्ट्राइक पर सवाल और भारतीय मीडिया की आलोचना:
    नासिर ने दावा किया कि भारत ने जिन ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, वहां कोई आतंकी मौजूद नहीं थे। उसके अनुसार, वहां छोटे बच्चे मारे गए। नासिर कहता है कि भारत में उसके “दोस्तों” ने उसे बताया कि कई इलाकों में रात 7 बजे ब्लैकआउट हो जाता है, पेट्रोल पंप खाली हो गए हैं और दुकानों पर जरूरी सामान नहीं मिल रहा। वह दावा करता है कि भारतीय मीडिया जनता को डरा रहा है, जबकि पाकिस्तानी मीडिया ‘सच्ची खबरें’ दिखा रहा है।

  2. पुंछ के गुरुद्वारे पर हमले की पुष्टि यूट्यूबर से:
    नासिर ने कहा कि उसे जानकारी मिली थी कि पाकिस्तानी आर्मी ने पुंछ के एक गुरुद्वारे को निशाना बनाया। इस पर उसे भारतीय मीडिया पर भरोसा नहीं हुआ, इसलिए उसने बॉर्डर के पास रहने वाले अपने यूट्यूबर “दोस्त” से इस खबर की पुष्टि की। इतना ही नहीं, उसने गुरुद्वारे से जुड़े एक व्यक्ति से भी बात की, जिसने बताया कि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।

  3. मजहबी रंग देने का आरोप और मिसरी पर टिप्पणी:
    नासिर का दावा है कि भारत सरकार इस घटना को मजहबी रंग देना चाहती थी। उसने भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी की तस्वीर दिखाकर लोगों को भड़काने की कोशिश की। उसका कहना है कि ऐसी घटनाओं पर बिना जांच विश्वास नहीं करना चाहिए और उसके भारतीय दोस्त उसे “सच्चाई” बता देते हैं।

ज्योति मल्होत्रा के साथ पॉडकास्ट भी आया शक के घेरे में

गौरतलब है कि नासिर ढिल्लों वही शख्स है जिसने हाल ही में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार की गई ज्योति मल्होत्रा के साथ ऑनलाइन पॉडकास्ट किया था। यह पॉडकास्ट ज्योति के हिसार स्थित घर से वर्चुअली किया गया था।

इस बातचीत में ज्योति ने पाकिस्तान को लेकर सकारात्मक छवि बनाने की बात कही थी और यह भी कहा था कि वह चाहती है ज्यादा से ज्यादा हिंदू आबादी पाकिस्तान घूमने जाए। नासिर ने जवाब में कहा था कि वह अगली बार ज्योति के साथ पाकिस्तान में वीडियो बनाएगा, जिस पर ज्योति ने कहा कि वह एक महीने के लिए पाकिस्तान आने की योजना बना रही है।

दोस्ती के नाम पर जासूसी का जाल

सूत्रों के अनुसार, नासिर पहले भारतीय यूट्यूबर्स से दोस्ती करता, फिर धीरे-धीरे उन्हें ISI एजेंट्स से संपर्क में लाता और भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी सूचनाएं हासिल करने का टास्क देता था। ज्योति के साथ उसकी कितनी बार बातचीत हुई, किस माध्यम से संपर्क हुआ और क्या-क्या सूचनाएं साझा की गईं—इसकी विस्तृत जांच भारतीय एजेंसियों द्वारा की जा रही है।

क्या कहती हैं एजेंसियां?

भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार यह कोई साधारण यूट्यूबर नहीं, बल्कि एक प्रशिक्षित पाकिस्तानी एजेंट है, जो सोशल मीडिया को हथियार की तरह इस्तेमाल करता है। ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियानों के दौरान इस तरह की गतिविधियाँ भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।

नासिर ढिल्लों का वीडियो एक गंभीर चेतावनी है कि कैसे सोशल मीडिया के माध्यम से देश की सुरक्षा को चुनौती दी जा सकती है। अब जरूरत है कि भारत सरकार ऐसे एजेंट्स की पहचान करने, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर निगरानी बढ़ाने और डिजिटल माध्यम से होने वाली जासूसी पर रोक लगाने के लिए ठोस और समयबद्ध कदम उठाए।

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