हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है, जहाँ एक 55 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना ऊना जिले की डोहगी पंचायत में घटित हुई। मृतक की पहचान सुरेंद्र कुमार के रूप में हुई है, जो पेशे से मिस्त्री (राजमिस्त्री) का काम करता था और अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।
परिवार में तनाव और पत्नी की बीमारी से था परेशान
जानकारी के अनुसार, सुरेंद्र कुमार की पत्नी लंबे समय से मानसिक रोग से पीड़ित थीं। उनकी यह स्थिति सुरेंद्र के लिए बहुत तनावपूर्ण बन चुकी थी। लगातार इलाज और देखभाल के बावजूद कोई विशेष सुधार न होने से वे मानसिक रूप से टूट चुके थे। घर में पत्नी की बीमारी और जीवन की अन्य परेशानियों ने सुरेंद्र को इस कदर तनाव में डाल दिया था कि उन्होंने अपनी ही जान ले ली।
बूढ़ी मां को बेटे की मौत की खबर नहीं, अब भी कर रही है दुआ
सुरेंद्र कुमार के घर में उनकी वृद्ध मां भी रहती हैं। उन्हें अभी तक बेटे की मौत की जानकारी नहीं दी गई है। परिवार वालों ने उन्हें यही बताया है कि सुरेंद्र घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। मां अब भी बेटे की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही हैं और उनके लौटने का इंतजार कर रही हैं। यह दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला है।
रात में सोते समय हुई घटना, पड़ोसियों ने सुनी गोली की आवाज
यह घटना बुधवार की देर रात की बताई जा रही है। जब यह हादसा हुआ, उस समय घर के बाकी सदस्य सो रहे थे। अचानक गोली चलने की तेज आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग दौड़कर सुरेंद्र के घर पहुंचे और वहां का दृश्य देखकर दंग रह गए। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए ली थी लाइसेंसी गन
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि सुरेंद्र कुमार ने यह लाइसेंसी बंदूक जंगली जानवरों से अपनी फसलों की रक्षा के लिए ली थी। लेकिन अफसोस की बात है कि यही बंदूक उनके जीवन का अंत बन गई।
स्थानीय पंचायत उप-प्रधान बोले – मेहनती इंसान था सुरेंद्र
डोहगी पंचायत के उप-प्रधान राजेश शर्मा ने सुरेंद्र को याद करते हुए बताया कि वह बहुत ही मेहनती और शांत स्वभाव का व्यक्ति था। राजमिस्त्री का काम करके ही वह अपने पूरे परिवार को संभाल रहा था। उन्होंने बताया कि सुरेंद्र की मां अभी तक यही मान रही हैं कि उनका बेटा अस्पताल में है और जल्दी ही ठीक होकर वापस आ जाएगा।
पुलिस मामले की हर पहलू से कर रही जांच
इस पूरे मामले में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पहले ऊना अस्पताल पहुंचाया, लेकिन बाद में पोस्टमॉर्टम के लिए कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज भेजा गया। एएसपी ऊना, संजीव भाटिया ने बताया कि पुलिस इस मामले की सभी संभावित एंगल से जांच कर रही है, ताकि पता चल सके कि आत्महत्या के पीछे और क्या-क्या कारण हो सकते हैं।
यह घटना न सिर्फ एक व्यक्ति की मानसिक पीड़ा को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह पारिवारिक समस्याएं और मानसिक तनाव किसी को आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर कर सकते हैं। समाज और परिवार को ऐसे समय में साथ खड़ा होना चाहिए।