पंजाब के मोहाली जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ रिश्वत लेते पकड़े जाने से बचने के लिए एक पुलिसकर्मी ने विजिलेंस टीम के अफसर पर कार चढ़ा दी। यह घटना उस समय हुई जब विजिलेंस ब्यूरो की टीम एक एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने गई थी। लेकिन आरोपी पुलिसकर्मी ने मौके से फरार होने की कोशिश करते हुए जानबूझकर अपनी कार विजिलेंस के इंस्पेक्टर पर चढ़ा दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना का पूरा विवरण इस प्रकार है:
क्या है मामला?
भटौली गांव, आनंदपुर साहिब निवासी हरजिंदर सिंह ने विजिलेंस विभाग को शिकायत दी थी कि एक पुलिस अधिकारी, जो मोहाली के सनेटा चौकी का इंचार्ज था, ने उससे ₹50,000 की रिश्वत मांगी। मामला 30 मई का है, जब हरजिंदर सिंह के दोस्त सतीश कुमार का एक एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें एक बाइक सवार की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने सतीश के खिलाफ केस दर्ज किया।
शिकायत के अनुसार, सनेटा चौकी के एक पुलिसकर्मी ने सतीश के परिवार पर दबाव बनाना शुरू किया कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए, तो उनका बेटा मुसीबत में फंस सकता है। बाद में चौकी इंचार्ज एएसआई कमलप्रीत शर्मा ने खुद फोन कर कहा कि वह दूसरी पार्टी से समझौता करवा देगा, लेकिन इसके लिए ₹50,000 देने होंगे।
विजिलेंस ने ऐसे रची जाल:
शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने आरोपी को पकड़ने के लिए एक ट्रैप प्लान बनाया। आरोपी कमलप्रीत शर्मा ₹20,000 की पहली किश्त लेने को तैयार हो गया। 4 जून को वह जैसे ही पैसे लेने पहुंचा, विजिलेंस टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ने की कोशिश की।
टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर वरिंदर शर्मा कर रहे थे। उन्होंने जैसे ही अपनी पहचान बताई, आरोपी ने तुरंत अपनी कार स्टार्ट की और मौके से भागने की कोशिश की। इसी दौरान उसने जानबूझकर कार इंस्पेक्टर शर्मा पर चढ़ा दी। एक अन्य कांस्टेबल भी उसकी चपेट में आने से घायल हो गया। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।
घायल अफसरों का इलाज चल रहा है, और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
आरोपी की पहचान और केस:
आरोपी की पहचान एएसआई कमलप्रीत शर्मा के रूप में हुई है, जो पहले मानसा जिले में तैनात था। उसका तबादला 2024 में मोहाली में हुआ था। पहले वह फेज-1 थाने में था, फिर सोहाना थाने में, और बाद में सनेटा चौकी का इंचार्ज बना।
सनेटा चौकी के इलाके से खरड़-बनूड़ हाईवे गुजरता है, जहाँ अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं।
आरोपी पर लगे आरोप:
अब आरोपी के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं:
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सोहाना पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (BNS एक्ट) की निम्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया:
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धारा 109: जान से मारने की कोशिश
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धारा 132: सरकारी कर्मचारी पर ड्यूटी के दौरान हमला
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धारा 221: सरकारी कार्य में बाधा डालना
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विजिलेंस विभाग ने भी उस पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
क्या हो रही है कार्रवाई?
फिलहाल आरोपी फरार है और पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं। इस घटना ने पंजाब पुलिस में भ्रष्टाचार और कानून के रखवालों द्वारा ही कानून तोड़ने के गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल एक पुलिस अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करने की गंभीर मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब कानून के रखवाले ही भ्रष्टाचार में लिप्त हों, तो आम जनता कैसे न्याय की उम्मीद करे? अब देखना होगा कि आरोपी को कितनी जल्दी गिरफ्तार किया जाता है और उस पर कानून के तहत कितनी कड़ी कार्रवाई होती है।