Thursday, August 14, 2025

हिमाचल में समय से पहले भरने लगे डैम, हरियाणा-पंजाब-राजस्थान के किसानों को मिलेगा फायदा

हिमाचल प्रदेश की नदियों पर बने बांध मानसून से पहले ही लबालब होने लगे हैं। इस बार मार्च और अप्रैल में सामान्य से अधिक गर्मी और मई में अच्छी बारिश के कारण डैम में पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है। भाखड़ा और पौंग दो बड़े डैम अभी भी क्रमश: 36 और 32 मीटर खाली हैं, लेकिन बाकी डैम 80 से 90 प्रतिशत तक भर चुके हैं।

यह स्थिति पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों के लिए राहतभरी है। इन राज्यों की खेती हिमाचल से बहने वाले पानी पर निर्भर करती है। अब इन राज्यों में नहरों के माध्यम से खेतों तक पर्याप्त पानी पहुंचेगा, जिससे किसानों को गर्मी और मानसून के शुरुआती दिनों में सिंचाई की परेशानी नहीं होगी।

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हिमाचल प्रदेश ऊर्जा विभाग के इंजीनियर अंशुल शर्मा ने बताया कि डैम में पानी बढ़ने का मुख्य कारण इस साल जल्दी पिघले ग्लेशियर हैं। इसके साथ मई में अच्छी बारिश ने भी जलस्तर बढ़ाने में मदद की। उन्होंने बताया कि इससे न सिर्फ बिजली उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि उत्तर भारत की बिजली की मांग भी पूरी होगी।

हालांकि यह स्थिति एक ओर लाभदायक है, तो दूसरी ओर चुनौतीपूर्ण भी। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून में भारी बारिश के समय डैम पूरी तरह भर जाएंगे। तब प्रबंधन को अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ेगा, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत होगी। डैम प्रबंधन विभाग पहले ही सतर्क हो गया है। पंडोह डैम से पिछले सप्ताह पानी छोड़ा गया और उसके लिए अलर्ट भी जारी किया गया था। ऐसे अलर्ट भविष्य में और भी जारी हो सकते हैं।

डैम में भरपूर पानी होने से हिमाचल की बिजली उत्पादन क्षमता भी बढ़ी है। इस समय राज्य करीब 228 लाख यूनिट बिजली रोज़ पड़ोसी राज्यों को बेच रहा है। यह प्रदेश के घाटे में चल रहे बिजली बोर्ड के लिए एक राहत की बात है। उम्मीद की जा रही है कि यदि मानसून सामान्य से ज्यादा बारिश लाता है, तो बिजली उत्पादन में कोई रुकावट नहीं आएगी। इस तरह से हिमाचल के डैम इस बार सिर्फ राज्य के लिए ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत के बड़े हिस्से के लिए भी पानी और बिजली का मजबूत आधार बनते जा रहे हैं।

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