Thursday, August 14, 2025

पूरी बुकिंग ब्रांच की ट्रांसफर. . यह सजा है या बचाने की साजिश?

– ख़ुद नहीं की कार्रवाई, विजिलेंस को शिकायत मार्क कर जान छुड़ाई
– कम्युनिटी सेंटर घोटाले में ट्रांसफर का पर्दा
भरत अग्रवाल. चंडीगढ़ दिनभर।
चंडीगढ़:  जहां एक ओर पूरे शहर को उम्मीद थी कि कम्युनिटी सेंटर में इतने
बड़े घोटाले के सामने आने के बाद नगर निगम के कमिश्नर और मेयर सख्त एक्शन
लेंगे, वहीं ऐसा कुछ नहीं हुआ। बुकिंग ब्रांच के अधिकारियों के खिलाफ
कार्रवाई करने की बजाय उन्हें अन्य विभागों में ट्रांसफर कर घोटाले पर
पर्दा डालने की कोशिश की गई।
इस पर तर्क दिया जा रहा है कि अब आगे की कार्रवाई विजिलेंस विभाग करेगा
और जो दोषी होंगे, उन्हें सज़ा भी वही देगा। यानी नगर निगम द्वारा बुकिंग
ब्रांच के अधिकारियों पर कोई सीधी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
वहीं, नगर निगम के इस फैसले को लेकर शहर में भारी आलोचना हो रही है। कई
लोगों का कहना है कि यह सिर्फ अपने लोगों को बचाने के लिए की गई नाम
मात्र की कार्रवाई है।
राजनीतिक हलकों में भी इस मुद्दे पर उबाल है। कुछ नेताओं ने तो इसे कल
होने वाली हाउस मीटिंग से बचने का स्टंट करार दिया है, क्योंकि आम आदमी
पार्टी ने कम्युनिटी सेंटर घोटाले में बुकिंग ब्रांच के अधिकारियों के
सस्पेंशन की मांग की थी।

उम्मीद थी कि कमिश्नर और मेयर हरप्रीत कौर बबला, सख्त एक्शन लेंगे:
शहर की जनता को जिस पारदर्शिता और सख्ती की उम्मीद थी, वह कम्युनिटी
सेंटर घोटाले के मामले में पूरी तरह नदारद दिखाई दी। घोटाले का खुलासा
होने के बाद लोग यह मानकर चल रहे थे कि नगर निगम प्रशासन, खासकर कमिश्नर
और मेयर हरप्रीत कौर बबला, इस पर सख्त एक्शन लेंगे और दोषियों को निलंबित
कर कानूनी कार्रवाई के दायरे में लाएंगे। लेकिन इसके विपरीत, जो हुआ उसने
शहरवासियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

- Advertisement -

न कोई सस्पेंड और न ही दर्ज हुई एफआईआर:
नगर निगम की बुकिंग ब्रांच, जो इस घोटाले के केंद्र में बताई जा रही है,
उसकी पूरी टीम को सिर्फ अन्य विभागों में ट्रांसफर कर दिया गया है। न
किसी अधिकारी को सस्पेंड किया गया, न ही अब तक किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज
हुई है। इससे यह संदेश गया कि निगम प्रशासन इस पूरे मामले को दबाने की
कोशिश कर रहा है, और सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रहा है।

सस्पेंशन या चार्जशीट क्यों नहीं की गई?
नगर निगम द्वारा बुकिंग ब्रांच के स्टॉफ को अन्य विभागो में ट्रांसफर
करने के निर्णय की जब आलोचना होने लगी तो सफाई दी गई कि अब यह मामला
विजिलेंस विभाग को सौंप दिया गया है और आगे की कार्रवाई वही करेगा।
विजिलेंस जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ उसी स्तर पर
कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर घोटाले के पर्याप्त
संकेत मिल चुके हैं, तो प्राथमिक स्तर की कार्रवाई जैसे कि सस्पेंशन या
चार्जशीट क्यों नहीं की गई?

‘अपने लोगों को बचाने’ की नीति काम कर रही!
इस पूरे मामले से एक और बड़ा सवाल खड़ा हो गया है  कि क्या नगर निगम अब
पूरी तरह विजिलेंस पर निर्भर हो गया है? क्या आंतरिक अनुशासनात्मक
कार्रवाई की शक्ति और इच्छा अब खत्म हो चुकी है? नगर निगम के इस रवैये से
यह भी प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं ‘अपने लोगों को बचाने’ की नीति काम
कर रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो यह घोटाला भी उन फाइलों में दफन हो
जाएगा, जिनका परिणाम कभी जनता के सामने नहीं आता।

नगर निगम की पूरी बुकिंग ब्रांच का ट्रांसफर कर दिया गया है। इतना ही
नहीं, कम्युनिटी सेंटर में हुए घोटाले की विजिलेंस इंक्वायरी भी मार्क की
गई है। अब विजिलेंस विभाग इसकी जांच करेगा।”
— हरप्रीत कौर बबला, मेयर, नगर निगम।

E-Paper
RELATED ARTICLES

Most Popular




More forecasts: oneweather.org