Thursday, August 14, 2025

डल्लेवाल ने सीएम मान की डिबेट चुनौती स्वीकारी, बठिंडा में किसानों की गिरफ्तारी पर तेज़ हमला

बठिंडा में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने राज्य सरकार की ओर से डाली जा रही सीवरेज पाइपलाइन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की गिरफ्तारी पर तीखा विरोध जताया है। डल्लेवाल आज (मंगलवार) बठिंडा में किसानों के समर्थन में जुटे और सीएम भगवंत मान की डिबेट चुनौती को मीडिया के सामने स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि इस डिबेट का मंच केवल मीडिया ही हो सकता है, ताकि सच सामने आ सके।

सीएम भगवंत मान ने बीते दिनों किसानों को हाउस अरेस्ट करने के बाद किसानों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि किसान सड़क मार्ग और रेल मार्ग को ब्लॉक कर देते हैं, लेकिन अब ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बयान के बाद डल्लेवाल ने साफ कहा है कि वे सीएम मान के इस बयान का जवाब मीडिया के सामने देंगे।

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डल्लेवाल ने हरियाणा सरकार पर भी आरोप लगाया कि पंजाब से हरियाणा को जो 4000 क्यूसिक पानी दिया गया, वह किसानों से पूछकर नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों पर कार्रवाई केंद्र के खिलाफ थी, लेकिन फिर भी पंजाब सरकार ने किसानों को बुलाकर हिरासत में लिया। अब वही सरकार खुद को पंजाब के पानी का संरक्षक बताने लगी है, जो सही नहीं है।

बठिंडा जिले के घासोखाना गांव में लगाई जा रही सीवरेज पाइपलाइन को लेकर किसानों ने चिंता जताई है कि यह पाइपलाइन रिहायशी इलाकों से गुजर रही है, जिससे भविष्य में लीकेज या प्रदूषण की समस्या हो सकती है। किसानों ने इस परियोजना का शांतिपूर्वक विरोध किया, लेकिन पुलिस ने सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

पिछले कुछ दिनों में 100 से अधिक किसान गिरफ्तारी के बाद जेल में हैं। इनमें से 9 किसान पहले से भूख हड़ताल पर थे, जबकि हाल ही में 5 अन्य किसानों ने भी भूख हड़ताल शुरू कर दी है। कुल मिलाकर अब 14 किसान भूख हड़ताल पर हैं और वे अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखे हुए हैं।

डल्लेवाल ने सरकार से अपील की है कि किसानों के साथ न्याय किया जाए और उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार रखते हैं और उनके हक के लिए उनकी आवाज दबाई नहीं जा सकती। यह मामला पंजाब में किसानों और सरकार के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है और आने वाले दिनों में इसकी गूंज राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर सुनाई दे सकती है।

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