चंडीगढ़ के सेक्टर-10ए में रहने वाली 70 वर्षीय पूर्व चीफ आर्किटेक्ट सुमित कौर से साइबर ठगों ने करीब 2.5 करोड़ रुपये की बड़ी ठगी की है। ठगों ने खुद को ट्राई (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया), सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी बताकर महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ का झांसा दिया। लगातार मानसिक दबाव बनाकर महिला को कई किस्तों में बड़ी रकम ठग ली गई।
महिला ने साइबर ठगी का शिकार होने की शिकायत सेक्टर 17 के साइबर सेल थाना में दर्ज कराई है। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सुमित कौर ने बताया कि 3 मई को उन्हें एक कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर का गैरकानूनी इस्तेमाल हुआ है, जिसके चलते उन पर एफआईआर दर्ज है। महिला को यह भी कहा गया कि वह इस मामले को किसी से साझा न करें, नहीं तो गिरफ्तारी हो जाएगी।
इसके बाद महिला को एक कथित सीबीआई डीआईजी से जोड़ा गया, जिसने बताया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में है और उन्हें जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ नरेश गोयल से जोड़ा गया है। साथ ही एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया गया। बताया गया कि मुंबई के कैनरा बैंक में महिला के नाम से फर्जी खाता खुला है।
4 मई को महिला को बताया गया कि वह ‘डिजिटल अरेस्ट’ में हैं और अब उन्हें हमेशा मोबाइल चालू रखना होगा। महिला से बैंक, बीमा, म्यूचुअल फंड, पीपीएफ और डाकघर की सभी संपत्तियों की जानकारी मांगी गई। 5 मई को महिला को एक वीडियो कॉल के जरिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मिलवाया गया। इस दौरान एक फर्जी कोर्ट ऑर्डर दिखाकर कहा गया कि उनकी सारी संपत्ति को 48 घंटे के लिए एक ‘सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट’ में ट्रांसफर करना होगा। जब महिला समय नहीं दे सकीं, तो उनसे एक आवेदन भी लिखवाया गया।
ठगों ने महिला को लगातार फोन और वीडियो कॉल कर निर्देश दिए कि बैंक में क्या कहना है, किससे कैसे बात करनी है, और सार्वजनिक जगहों पर कैसे व्यवहार करना है। लगातार गिरफ्तारी की धमकियां दी गईं, जिससे महिला डरी-डरी रहती थीं। दबाव में आकर महिला ने कई बार कई करोड़ की रकम ठगों द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दी। कुछ दिनों बाद जब सभी ठगों के फोन बंद हो गए और उनसे संपर्क टूटा, तब महिला को ठगी का अहसास हुआ। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की पहचान करने के लिए प्रयासरत है। इस घटना ने डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराध के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को फिर से उजागर कर दिया है।