आज चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग होने जा रही है, जिसमें कुल 9 अहम एजेंडे चर्चा के लिए रखे गए हैं। इस बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा उस प्रस्ताव को लेकर हो रही है जिसमें शहर के सामुदायिक केंद्रों (कम्युनिटी सेंटर) के किराए में 3 से 5 गुना तक बढ़ोतरी की बात कही गई है। इस समय 24 हजार रुपये में बुक होने वाले सेंटर का किराया बढ़ाकर 60 हजार रुपये तक किया जा सकता है। यह बदलाव निगम की आय बढ़ाने के लिए प्रस्तावित है, लेकिन इससे आम जनता पर सीधा आर्थिक बोझ पड़ेगा।
नगर निगम की योजना है कि शहर के सभी सामुदायिक केंद्रों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाया जाए। पहले यह प्रस्ताव मार्च में लाया गया था, लेकिन बिना चर्चा के स्थगित कर दिया गया था। अब फिर से इसे बैठक में रखा गया है। खास बात यह है कि सभी प्रकार के सामुदायिक केंद्रों पर एक समान किराया लागू करने की बात कही जा रही है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए शादी और अन्य आयोजनों के लिए सेंटर बुक कर पाना मुश्किल हो जाएगा। नगर निगम के वरिष्ठ उपमहापौर जसबीर सिंह बंटी ने स्पष्ट कहा कि अगर यह फैसला लिया गया तो उनकी पार्टी इसका सदन में विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि “सामुदायिक केंद्र गरीब जनता की जरूरत हैं, हम इन्हें महंगा नहीं होने देंगे।”
सेक्टर-37 कम्युनिटी सेंटर घोटाले की गूंज भी बैठक में
चंडीगढ़ के सेक्टर 37 स्थित कम्युनिटी सेंटर में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले का मामला भी इस बैठक में तूल पकड़ सकता है। इस मामले के बाद नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने पूरे बुकिंग स्टाफ को बदल दिया है और जांच को विजिलेंस विभाग को सौंप दिया गया है। इस मुद्दे पर भी विपक्ष हंगामा करने की तैयारी में है।
लाल डोरे के बाहर घरों को मिलेगा अस्थायी जल कनेक्शन
नगर निगम ने एक और बड़ा प्रस्ताव सदन में रखा है जिसमें लाल डोरे (मूल अनुमत क्षेत्र के बाहर बने) के बाहर के घरों को अस्थायी जल कनेक्शन देने की बात कही गई है। यह मुद्दा लंबे समय से अटका हुआ था, लेकिन इस बार निगम ने विभिन्न राज्यों के अदालती फैसलों का हवाला देकर इसे मजबूती से प्रस्तुत किया है।
फायर एनओसी के नियम सख्त होंगे
फायर सेफ्टी से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है। यदि किसी ने आवेदन के 6 महीने के अंदर फायर एनओसी नहीं ली, तो उसका आवेदन स्वतः रद्द हो जाएगा और दोबारा आवेदन करना होगा। यह कदम सुरक्षा मानकों को समय पर पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है।
कमजोर वर्ग के लिए रहेंगी कुछ राहतें
हालांकि किराया बढ़ाने की तैयारी है, लेकिन कमजोर वर्ग की लड़कियों की शादी जैसे आयोजनों के लिए सामुदायिक केंद्र की मुफ्त बुकिंग की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों और रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटीज को भी बैठक के लिए निशुल्क सुविधा दी जाएगी।
पालतू और आवारा कुत्तों के लिए नए नियम
बैठक में एक और बड़ा एजेंडा पालतू और आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर लाया गया है। प्रस्तावित “चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग्स बायलॉज” में कई कड़े नियम शामिल किए गए हैं:
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पंजीकरण अनिवार्य: हर पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा और उन्हें मेटल टोकन पहनाना होगा।
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खिलाने की जगह तय: आवारा कुत्तों को कहीं भी खाना नहीं दिया जा सकेगा। इसके लिए पार्षद और RWA की सहमति से तय स्थान निर्धारित होंगे।
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जुर्माना: नियम तोड़ने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध: पालतू कुत्तों को सुखना लेक, रोज गार्डन, रॉक गार्डन, लेजर वैली जैसे प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
आज की हाउस मीटिंग चंडीगढ़ के आम लोगों के लिए कई अहम फैसले लेकर आ सकती है। जहां एक ओर नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठा रहा है, वहीं विपक्ष इसका विरोध कर जनता की सुविधा बनाए रखने की बात कर रहा है। जनता को उम्मीद है कि उनके हितों का ध्यान रखते हुए ही कोई निर्णय लिया जाएगा।