Thursday, August 14, 2025

चंडीगढ़ के मलोया गांव में 25 अवैध दुकानें ढहाई गईं, दुकानदार बोले – अब रोज़ी-रोटी पर संकट

चंडीगढ़ के मलोया गांव में मंगलवार की सुबह प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए 25 अवैध दुकानों पर बुलडोजर चला दिया। इस कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा और गांव की बिजली भी पहले ही काट दी गई थी ताकि किसी तरह का विरोध न हो सके।

प्रशासन की इस कार्रवाई से दुकानदारों में मायूसी और गुस्सा दोनों साफ नजर आए। कई सालों से यहां कारोबार कर रहे दुकानदारों ने बताया कि वे इन्हीं दुकानों से परिवार चला रहे थे। अब जब दुकानों को तोड़ दिया गया है, तो उनका गुजारा करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

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दुकानदार कर्ण ने भावुक होते हुए कहा, “मैं जब मलोया आया था, तब मेरे बच्चे छोटे थे। मैंने यहां मीट की एक छोटी दुकान खोली थी। अब यही दुकान मेरी रोज़ी-रोटी थी, जिससे घर का किराया, बच्चों की पढ़ाई और बाकी खर्च पूरे होते थे। अब सब खत्म हो गया।”

कार्रवाई के दौरान तहसीलदार पुण्यदीप शर्मा, मलोया थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जसबीर सिंह और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। प्रशासन ने बताया कि इन दुकानदारों को पहले भी कई बार नोटिस दिए गए थे, जिसमें कहा गया था कि वे खुद अपनी दुकानें हटा लें। 3 जून 2025 की अंतिम तारीख दी गई थी, लेकिन किसी ने आदेश का पालन नहीं किया। इसलिए मजबूरन यह कार्रवाई करनी पड़ी।

जैसे ही बुलडोजर चलना शुरू हुआ, दुकानदारों ने जल्दबाजी में अपनी दुकानों का सामान बाहर निकालना शुरू कर दिया। कई लोगों ने कहा कि उन्हें इतनी जल्दी संभलने का मौका तक नहीं मिला।

कार्रवाई के बाद दुकानदारों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी दिखी। उनका कहना था कि चंडीगढ़ के अन्य हिस्सों में भी अवैध कब्जे हैं, लेकिन सिर्फ मलोया को ही निशाना बनाया जा रहा है। कई लोगों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि अगर कार्रवाई करनी है तो वह पूरे शहर में समान रूप से होनी चाहिए।

फिलहाल, प्रशासन की यह कार्रवाई चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां एक ओर इसे नियमों के पालन की दिशा में जरूरी कदम बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रभावित दुकानदार इसे अपनी रोज़ी-रोटी पर हमला मान रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस नाराजगी को कैसे संभालता है और क्या कोई वैकल्पिक सहायता इन दुकानदारों को दी जाती है या नहीं।

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