पंचकूला पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो अफीम की सप्लाई कर रहे थे। इस कार्रवाई की शुरुआत एक स्थानीय गिरफ्तार आरोपी से मिली जानकारी के बाद हुई। पुलिस का कहना है कि उनका मकसद केवल तस्करों को पकड़ना नहीं है, बल्कि पूरे नशा तस्करी के नेटवर्क को जड़ से खत्म करना है।
घटना की पूरी जानकारी:
29 मई को चंडीमंदिर थाना क्षेत्र में एक युवक को अफीम के साथ पकड़ा गया। आरोपी का नाम सुनील कुमार है और वह पंजाब का रहने वाला है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह अफीम उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रहने वाले हरिओम नाम के व्यक्ति से लाता है।
इसके बाद पुलिस की एक विशेष टीम को उत्तर प्रदेश भेजा गया। 31 मई को पुलिस टीम ने मोहम्मद सदीकपुर गांव (संभल) से हरिओम को गिरफ्तार किया। जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि उसे अफीम दीपक नाम के एक व्यक्ति से मिलती थी, जो रामपुर (उत्तर प्रदेश) में रहता है। पुलिस ने उसी दिन रामपुर में दबिश देकर दीपक को भी गिरफ्तार कर लिया।
मामला दर्ज और रिमांड:
तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 18 और 29 के तहत थाना चंडीमंदिर में केस दर्ज किया गया है। सुनील को पहले ही दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है, जबकि हरिओम और दीपक को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
नेटवर्क की परतें खोलने की तैयारी:
डीसीपी क्राइम अमित दहिया ने बताया कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। पुलिस सभी आरोपियों के बैंक अकाउंट्स, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य डिजिटल दस्तावेजों की जांच कर रही है। इसका मकसद पूरे नशा सप्लाई नेटवर्क को उजागर करना है, ताकि समाज में फैल रहे इस जहर को रोका जा सके। पुलिस इस ड्रग्स के कारोबार से जुड़ी संपत्तियों को भी जब्त करने की तैयारी में है, ताकि तस्करों को आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचे और वे दोबारा इस धंधे में न लौट सकें।
अंतिम उद्देश्य:
पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज के निर्देशन में यह पूरा अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस ने यह भी साफ किया है कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक पूरे ड्रग नेटवर्क का सफाया नहीं हो जाता। यह कार्रवाई समाज को नशे के जाल से मुक्त करने की दिशा में एक बड़ी और अहम कदम मानी जा रही है।