उत्तर भारत की सबसे कठिन और पवित्र धार्मिक यात्राओं में से एक श्रीखण्ड महादेव यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। यह यात्रा हर साल हजारों श्रद्धालुओं को हिमालय की ऊँचाइयों तक ले जाती है, जहाँ वे 32 किलोमीटर के दुर्गम पर्वतीय रास्ते को पार कर भगवान शिव के पवित्र स्थल श्रीखण्ड महादेव तक पहुँचते हैं।
यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए 3 जून 2025 को निरमण्ड क्षेत्र के पंचायत समिति सभागार में श्रीखण्ड यात्रा ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है। इस बैठक की अध्यक्षता कुल्लू की उपायुक्त (डीसी) स्वयं करेंगी। बैठक में प्रशासन की एक विशेष टीम अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसने हाल ही में पूरे यात्रा मार्ग का भौतिक निरीक्षण (रेकी) किया है।
इस रिपोर्ट में यात्रा मार्ग की वर्तमान स्थिति, किन स्थानों पर सुधार की आवश्यकता है, किन रास्तों की मरम्मत जरूरी है—इन सभी पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही यात्रा की संभावित शुरुआत और समाप्ति की तारीखों पर भी चर्चा होगी, जो श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहद जरूरी है।
बैठक में सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसमें राहत एवं बचाव दल, मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उपाय, ट्रैफिक नियंत्रण, पार्किंग व्यवस्था और रात्रि विश्राम के पड़ाव की योजनाओं पर भी चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा पिछले वर्ष की यात्रा में हुए खर्च का लेखा-जोखा भी रखा जाएगा और इस वर्ष के संभावित बजट पर विस्तार से विचार किया जाएगा। इस बैठक में एसडीएम निरमण्ड श्री मनमोहन सिंह, डीएसपी आनी श्री चंद्रशेखर कायथ और ट्रस्ट के अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहेंगे।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि श्रीखण्ड महादेव यात्रा में हर वर्ष देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह यात्रा कठिन जरूर है, लेकिन श्रद्धा, साहस और संकल्प से भरपूर होती है। प्रशासन की ये तैयारियाँ यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि यात्रा पूरी तरह सुरक्षित, सुविधाजनक और संगठित ढंग से संपन्न हो। इस बार की श्रीखण्ड यात्रा को और भी बेहतर बनाने के लिए प्रशासन और ट्रस्ट मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को दिव्यता के साथ-साथ सुरक्षा और सुविधा का भी अनुभव हो।