पंजाब के खन्ना शहर के गलवड़ी इलाके में रहने वाली तीन नाबालिग लड़कियां अचानक अपने घर से लापता हो गई थीं। इनमें से दो बहनें थीं – अंजलि और नंदनी, और उनकी एक करीबी सहेली ममता भी उनके साथ थी। जब तीनों लड़कियां अचानक गायब हुईं, तो घरवालों और पड़ोसियों में चिंता फैल गई।
परिवार ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी। खन्ना पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि अंजलि और नंदनी के पिता भागीरथ अकसर शराब के नशे में बेटियों के साथ मारपीट करते थे। वह उन्हें पढ़ाई से भी रोकते थे और तरह-तरह की पाबंदियां लगाते थे। इसी वजह से दोनों बहनें मानसिक रूप से बेहद परेशान थीं। ममता, जो उनकी दोस्त थी, अक्सर उनके दुख-दर्द की गवाह रहती थी। तीनों लड़कियों ने तय किया कि अब और सहन नहीं किया जा सकता। इसी कारण उन्होंने चुपचाप घर छोड़ने का फैसला किया और कहीं निकल गईं।
पुलिस ने तुरंत सोशल मीडिया पर लड़कियों की तस्वीरें और जानकारी साझा की, ताकि उन्हें जल्द से जल्द ढूंढा जा सके। इस प्रयास का असर हुआ और कुछ ही समय में चंडीगढ़ पुलिस को सेक्टर 15-सी में स्थित एक एनजीओ ‘आशियाना बिल्डिंग’ में ये तीनों लड़कियां सुरक्षित मिलीं।
खन्ना पुलिस की एक टीम तुरंत चंडीगढ़ पहुंची और तीनों लड़कियों को सुरक्षित अपने साथ वापस लाया। पुलिस ने बच्चियों को उनके परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान पुलिस ने लड़कियों के पिता भागीरथ को सख्त चेतावनी दी कि अगर आगे से उन्होंने अपनी बेटियों के साथ मारपीट या दुर्व्यवहार किया तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसपी (आई) पवनजीत सिंह ने बताया कि बच्चियों की सुरक्षित वापसी ही पुलिस की सबसे बड़ी प्राथमिकता थी, और उन्हें खुशी है कि लड़कियां सही-सलामत घर लौट आई हैं। बेटियों को वापस पाकर पिता भागीरथ और ममता की मां रेखा भावुक हो गए। उन्होंने खन्ना पुलिस का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे पुलिस की इस मदद को कभी नहीं भूलेंगे। यह घटना समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी छोड़ती है – कि बच्चों पर अत्याचार करने से वे किन हालात में घर छोड़ने को मजबूर हो सकते हैं। साथ ही यह पुलिस की सतर्कता और जिम्मेदारी का उदाहरण भी है।