भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 10 साल के सरवण सिंह ने सेना की सेवा में अपनी अद्भुत भुमिका निभाई। फिरोजपुर जिले के ममदोट गांव का यह बच्चा मोर्चे पर तैनात सैनिकों को दूध, लस्सी, पानी और चाय पहुंचाता था। उसकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए भारतीय सेना ने उसे ‘सबसे युवा नागरिक योद्धा’ का सम्मान दिया है।
सरवण का परिवार उसे रोकने की बजाय प्रोत्साहित करता था क्योंकि वह सेना की सेवा करने में बहुत खुश रहता था। उसके पिता सोना सिंह बताते हैं कि सरवण ने पहले दिन से ही सैनिकों के लिए हर दिन दूध, लस्सी और ठंडा पानी पहुंचाना शुरू कर दिया था।
सेना ने भी सरवण की देशभक्ति और मेहनत को खास तौर पर सराहा। 7 इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल रणजीत सिंह मनराल ने उसे सिविल वॉरियर सम्मान देकर सम्मानित किया। सरवण ने मीडिया से कहा कि उसे सैनिकों से मिलकर और उनकी सेवा करके बहुत खुशी मिलती है और उसका सपना है कि वह बड़ा होकर खुद सेना में भर्ती हो कर देश की सेवा करे।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाक कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकवादी शिविरों को खत्म करने के लिए सटीक हमले किए थे। ऑपरेशन सिंदूर के इस दौरान सरवण जैसे छोटे योद्धाओं ने भी अपना योगदान दिया।
सरवण की बहादुरी और सेवा की कहानी सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई है और वह इलाके का एक छोटा हीरो बन गया है। सरवण की मेहनत और देशभक्ति पूरे देश के लिए प्रेरणा है।