पंजाब के पटियाला जिले में एक बार फिर खालिस्तानी गतिविधियों के संकेत मिले हैं। राजपुरा रेलवे स्टेशन के पास दीवारों पर खालिस्तान समर्थित और देश विरोधी नारे लिखे पाए गए हैं। इस शर्मनाक हरकत की जिम्मेदारी कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ली है, जो ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) नामक प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने तुरंत इन नारों को मिटा दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इसी तरह की घटनाएं पंजाब में देखी जा चुकी हैं। पन्नू ने अब एक वीडियो जारी कर न सिर्फ इन घटनाओं की जिम्मेदारी ली है बल्कि हिंदू समुदाय को भी निशाने पर लेने की कोशिश की है। उसने जून 1984 की घटनाओं को बहाना बनाकर 6 जून को पंजाब के मंदिरों की लाइटें शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक बंद रखने की अपील की है। यह अपील सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गई है क्योंकि इससे धार्मिक तनाव फैलने का खतरा हो सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2019 में SFJ को प्रतिबंधित कर दिया था और 2020 में पन्नू को आतंकी घोषित किया गया था। इसके बावजूद पन्नू लगातार सोशल मीडिया के जरिए भारत विरोधी प्रचार करता रहा है। वह पंजाबी युवाओं को भारत सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश करता है और कई बार पैसों का लालच देकर सरकारी इमारतों पर खालिस्तानी झंडे लगवाने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।
इतना ही नहीं, पिछले साल चेक गणराज्य में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या की साजिश में गिरफ्तार किया गया था। उसे अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया, जहां मामला अब भी अदालत में लंबित है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के अनुसार, यह साजिश 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान रची गई थी।
पंजाब में लगातार सामने आ रही ऐसी घटनाएं राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करे ताकि आतंकी मंसूबों को रोका जा सके और राज्य में शांति बनाए रखी जा सके। पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इस घटना के बाद सुरक्षा और चौकसी बढ़ा दी है ताकि आगामी दिनों में कोई अप्रिय घटना न हो सके।