चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए प्रॉस्पेक्टस के अनुसार इस बार कुल 13,875 सीटें उपलब्ध हैं। दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों को आवेदन करते समय सावधानी बरतनी होगी क्योंकि इस बार भी 85-15 प्रतिशत के फॉर्मूले के तहत सीटों का आवंटन किया जाएगा।
क्या है 85-15 फॉर्मूला?
शहर के 42 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 85 प्रतिशत सीटें उन छात्रों के लिए आरक्षित हैं जिन्होंने चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों से 10वीं पास की है। जबकि 15 प्रतिशत सीटें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, प्राइवेट स्कूल और अन्य राज्यों से पास हुए छात्रों के लिए निर्धारित हैं।
पिछले साल कई छात्रों ने गलत कोटे में आवेदन कर दिया था, जिससे उनकी सीटें डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के बाद रद्द कर दी गई थीं। इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसलिए इस बार शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी छात्र अपने-अपने कोटे के अनुसार ही आवेदन करें।
कैसे बनेगी मैरिट?
मैरिट लिस्ट बनाने के लिए छात्रों के कक्षा 10वीं के 5 विषयों के अंक जोड़े जाएंगे। इन्हीं अंकों के आधार पर प्रवेश मिलेगा। छात्रों को दाखिले के समय यह तय करना होगा कि वे किस संकाय (Science, Commerce, Humanities या Vocational) में दाखिला लेना चाहते हैं।
आरक्षित सीटों की जानकारी
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SC कैटेगरी के लिए 15%
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स्पोर्ट्स कोटा में भी कई स्कूलों में सीटें तय हैं
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दिव्यांग छात्रों, डिफेंस और पैरामिलिट्री बलों के बच्चों, स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों, कश्मीरी माइग्रेंट्स और मुस्लिम लड़कियों के लिए भी सीटें आरक्षित की गई हैं।
स्पोर्ट्स कोटा के तहत खास सीटें
कुछ स्कूलों में स्पोर्ट्स कोटे के तहत विशेष सीटें दी जाएंगी जैसे:
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सेक्टर-10 में फेंसिंग के लिए लड़के और लड़कियों के लिए 6-6 सीटें
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सेक्टर-22 में फुटबॉल में लड़कियों के लिए 12 सीटें
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सेक्टर-26 में 8-8 सीटें लड़के और लड़कियों के लिए
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सेक्टर-37 बी में सॉफ्टबॉल और बेसबॉल में 7-7 सीटें
कहां-कहां कौन से कोर्स?
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मेडिकल और नॉन-मेडिकल: 3,080 सीटें
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कॉमर्स: 1,980 सीटें
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ह्यूमैनिटीज (Arts): 7,060 सीटें
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वोकेशनल/स्किल कोर्स: 1,755 सीटें
कुल मिलाकर, चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने का यह सुनहरा मौका है, लेकिन छात्रों को अपने कोटे और दस्तावेजों को लेकर पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि कोई गलती न हो और उनका दाखिला बिना किसी बाधा के हो सके। स्कूलों में स्टाफ और टीचर बच्चों की मदद कर रहे हैं ताकि आवेदन सही तरीके से भरे जा सकें।