करनाल के औंगद गांव का रहने वाला साहिल नाम का युवक अपनी शादीशुदा जिंदगी में आए परेशानियों से बेहद आहत हो गया। साहिल ने करीब सात महीने पहले मंदिर में अपनी प्रेमिका से शादी की थी। 24 मई को साहिल अपनी पत्नी के साथ ससुराल गया था क्योंकि उसके ससुराल में बीमार ससुर को देखना था। वहां उसे और उसकी पत्नी को कुछ लोगों ने परेशान किया और मारपीट की। साहिल ने मदद के लिए डायल-112 पर कॉल की, लेकिन जब पुलिस वहां पहुंची और उसे चौकी ले गई, तो पुलिस ने भी साहिल के साथ मारपीट की।
साहिल के पिता राजेंद्र ने बताया कि वे खुद चौकी पर गए थे और वहां अपने बेटे को पुलिसकर्मियों द्वारा पीटा देख कर बेहद दुखी हुए। साहिल मानसिक रूप से टूट चुका था और बार-बार कह रहा था कि वह अब इस दुनिया में नहीं रह सकता। इसी दवाब में साहिल बाइक लेकर घर से निकल गया और पास की घोघड़ीपुर नहर पर पहुंच गया। वहां उसने अपने पिता को अंतिम बार फोन किया और भावुक होकर कहा कि उन्होंने उसके लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन वह अब जी नहीं सकता। इसके बाद साहिल ने नहर में छलांग लगा दी।
उसकी बाइक और मोबाइल फोन नहर के किनारे मिले, लेकिन साहिल का शव दो दिन बाद 26 मई की रात पश्चिमी यमुना नहर से बरामद हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है और परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं। साहिल के पिता का आरोप है कि अगर पुलिस ने अपने कर्तव्य का सही पालन किया होता और बेटे के साथ मारपीट नहीं की होती, तो यह हादसा नहीं होता। पुलिस भी पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
यह घटना समाज में पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाती है और बताती है कि मानसिक दबाव और शारीरिक उत्पीड़न किस तरह से एक युवक को अपनी जान लेने पर मजबूर कर देता है।