देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में इज़ाफा देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत में फिलहाल 1045 एक्टिव कोरोना केस हैं। सबसे अधिक 430 सक्रिय मामले केरल से सामने आए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 210, दिल्ली में 104 और गुजरात में 83 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। कर्नाटक में 80 मामलों में से 73 केवल बेंगलुरु शहर में हैं।
कोरोना से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से आठ मौतें बीते एक हफ्ते में हुई हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा पांच मौतें दर्ज की गई हैं। ठाणे में सोमवार को एक महिला की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। वहीं जयपुर में सोमवार को दो मरीजों की मौत हुई, जिनमें एक की मौत रेलवे स्टेशन पर हुई और उसकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई। दूसरा मरीज 26 वर्षीय युवक था जो पहले से टीबी से पीड़ित था।
महाराष्ट्र के ठाणे में ही रविवार को एक 21 साल के युवक की मौत हुई थी, जो 22 मई से इलाजरत था। इसके अलावा बेंगलुरु में 17 मई को एक 84 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी। केरल में भी दो लोगों की मौत की पुष्टि की गई है।
पिछले एक सप्ताह में देशभर में 787 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार देश में कोविड-19 के चार नए वैरिएंट की पहचान हुई है, जिनके नाम LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 हैं। ये वैरिएंट दक्षिण और पश्चिम भारत से लिए गए नमूनों में पाए गए हैं।
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल का कहना है कि नए वैरिएंट से घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इन वैरिएंट को फिलहाल गंभीर श्रेणी में नहीं रखा है, लेकिन निगरानी में ज़रूर रखा गया है।
NB.1.8.1 वैरिएंट में मौजूद कुछ म्यूटेशन इसे तेज़ी से फैलने में मदद करते हैं और यह पहले से बनी इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है। देश में फिलहाल सबसे आम वैरिएंट JN.1 है, जो 50% से अधिक मामलों में पाया जा रहा है। इसके बाद BA.2 और ओमिक्रॉन की उप-प्रजातियां भी देखी जा रही हैं।
JN.1 वैरिएंट की सबसे खास बात यह है कि यह शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करता है और इसके लक्षण कई दिनों से लेकर हफ्तों तक बने रह सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक थकान, खांसी या सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायत बनी रहे, तो हो सकता है कि वह ‘लॉन्ग कोविड’ का शिकार हो।
स्वास्थ्य विभाग की अपील है कि लोग सतर्क रहें, भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें, हाथ धोते रहें और ज़रूरत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। संक्रमण को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।