चरखी दादरी जिले के गांव शीशवाला में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गांव की 18 वर्षीय छात्रा सरिता ने संदिग्ध परिस्थितियों में ज़हर निगल लिया, जिससे उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजन उसे तुरंत चरखी दादरी के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों की कोशिशें नाकाम रहीं और इलाज के दौरान ही सरिता ने दम तोड़ दिया।
परिजनों के अनुसार, शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ से नौ बजे के बीच सरिता को उल्टियां होने लगीं। तब उसने अपनी मां को बताया कि उसने ज़हर खा लिया है। इस सूचना से घर में हड़कंप मच गया। परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए, लेकिन शनिवार को उसकी मौत हो गई। इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। सरिता ने इसी साल गांव के सरकारी स्कूल से 12वीं कक्षा पास की थी। उसने 500 में से 392 अंक प्राप्त किए थे और इन अंकों से वह संतुष्ट भी थी। फिर भी अचानक उसने आत्मघाती कदम क्यों उठाया, यह सवाल परिजनों और गांव वालों को हैरान कर रहा है।
ग्रामीणों और परिवारजनों से मिली जानकारी के अनुसार, सरिता अपने माता-पिता की चार संतानें में सबसे बड़ी थी। उसके पिता रामनिवास की एक बेटा और तीन बेटियां हैं। बेटा आईटीआई कर रहा है, जबकि बाकी दोनों बेटियां अभी पढ़ाई में जुटी हैं। सरिता घर की जिम्मेदार बेटी मानी जाती थी और हमेशा शांत स्वभाव की थी।
मामले की जांच कर रही सदर थाना पुलिस की एएसआई सविता रानी ने बताया कि फिलहाल इसे इत्तफाकिया मौत मानते हुए कार्रवाई की गई है। सरिता के पिता के बयान भी दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि सरिता ने किन कारणों से ज़हर खाया, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। सरिता की असमय मौत से पूरा गांव शोक में डूबा है। हर कोई यही सवाल कर रहा है कि पढ़ाई में अच्छी और शांत स्वभाव की यह लड़की आखिर किस परेशानी में थी, जो उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया।