हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के अर्की उपमंडल में पिछले 13 वर्षों से बस सब डिपो की मांग अधूरी ही बनी हुई है। यहां से हर दिन 50 से ज्यादा रूटों पर सरकारी बसें चलती हैं, लेकिन फिर भी सब डिपो की सुविधा आज तक शुरू नहीं हो सकी। इससे ना सिर्फ बस सेवाओं पर असर पड़ता है, बल्कि यात्रियों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ती है।
यह कहानी साल 2012 में शुरू हुई थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 29 जून को अर्की में सब डिपो का उद्घाटन किया था। लेकिन इसके तहत केवल एक टायर पंचर मशीन ही लगाई गई, जिसे कुछ महीनों बाद हटा भी दिया गया। इसके बाद कांग्रेस सरकार के दौरान भी इस पर कोई काम नहीं हुआ।
जनवरी 2019 में एक बार फिर उम्मीद जगी जब भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुनिहार में एक कार्यक्रम के दौरान अर्की में सब डिपो खोलने की घोषणा की। लेकिन यह घोषणा भी सिर्फ शिलान्यास की पट्टी तक ही सीमित रह गई और जमीन पर कुछ नहीं हुआ।
आज स्थिति यह है कि अर्की से रोजाना दर्जनों बसें विभिन्न रूटों पर चलती हैं, लेकिन किसी तकनीकी खराबी की स्थिति में इन्हें मरम्मत के लिए सोलन भेजना पड़ता है, जिससे कई दिनों तक बस सेवाएं बाधित रहती हैं। यात्रियों को मजबूरी में महंगे निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है।
हालांकि, अब क्षेत्रीय प्रबंधन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि अर्की में वर्कशॉप के लिए जमीन की फेंसिंग की तैयारी की जा रही है और खरयावण में भी एक वर्कशॉप बनाने की योजना है। इसके लिए सरकार ने 19 लाख रुपए का बजट भी मंजूर कर दिया है।
स्थानीय लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि सालों से लटकी यह योजना जल्द ही धरातल पर नजर आएगी और उन्हें बेहतर बस सुविधाएं मिल सकेंगी।