Thursday, August 14, 2025

गोल्डन टेंपल म्यूजियम में डॉ. मनमोहन सिंह की तस्वीर पर विवाद, राजोआना ने जताया विरोध

गोल्डन टेंपल परिसर में स्थित सिख म्यूजियम में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की तस्वीर लगाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस फैसले का विरोध करते हुए पटियाला जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) को एक पत्र लिखकर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है।

राजोआना ने अपने पत्र में कहा है कि डॉ. मनमोहन सिंह उस कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं, जिसे 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए सिख समुदाय आज भी माफ नहीं कर पाया है। उनके अनुसार, ऐसी पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता की तस्वीर सिखों के बलिदान और इतिहास को समर्पित संग्रहालय में लगाना सिख भावनाओं के खिलाफ है।

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राजोआना ने अपने पत्र में लिखा, “डॉ. मनमोहन सिंह उस पार्टी के प्रधानमंत्री रहे हैं, जो सिखों के नरसंहार की दोषी है। उनका चित्र सिख संग्रहालय में लगाने का कोई औचित्य नहीं है।” उन्होंने SGPC से अपील की कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए और सिख शहादत को कलंकित न किया जाए।

बलवंत सिंह राजोआना 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी हैं और वर्तमान में पटियाला जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। उनके पत्र ने सिख संस्थानों की कार्यप्रणाली और निर्णयों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस मुद्दे पर SGPC की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, धार्मिक और राजनीतिक हलकों में इस विषय पर चर्चा तेज हो गई है। सिख समुदाय में दो धड़े बन गए हैं—एक ओर वे लोग हैं जो राजोआना के विचारों से सहमत हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग मानते हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह ने एक सिख होते हुए देश का नेतृत्व किया, इसलिए उनकी तस्वीर संग्रहालय में लगाई जा सकती है।

यह विवाद अब सिर्फ एक तस्वीर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह सिख समाज की संवेदनाओं, इतिहास की व्याख्या और राजनीतिक धारणाओं का भी मुद्दा बन चुका है। SGPC की अगली प्रतिक्रिया पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।

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