चंडीगढ़: भारत सरकार की “सौर शहर योजना” के तहत चुने गए 34 शहरों में चंडीगढ़ भी शामिल किया गया है। यह चयन शहर के पर्यावरण के अनुकूल प्रयासों और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में किए गए काम को देखते हुए किया गया है। अब चंडीगढ़ एक “सोलर मॉडल सिटी” के रूप में उभर रहा है, जहां रूफटॉप सोलर, फ्लोटिंग सोलर और ग्रीन एनर्जी को तेजी से अपनाया जा रहा है। शहर में अब तक 10,988 स्थानों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं, जिनकी कुल क्षमता 89.69 मेगावाट है। इनसे अब तक 270.26 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न हो चुकी है, जिससे 18.64 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कटौती हुई है।
चंडीगढ़ के 114 सरकारी स्कूलों में से 108 की छतों पर सोलर पैनल लगे हैं। इन स्कूलों ने पिछले वर्ष जितनी बिजली खर्च की, उससे अधिक खुद ही उत्पन्न कर ली, जिससे उनका बिजली बिल जीरो हो गया। इसके अतिरिक्त, 6,624 सरकारी दफ्तरों और घरों पर भी सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिनसे 52.85 मेगावाट बिजली बन रही है। PM सूर्य घर योजना के तहत 6,247 सरकारी आवासों पर 18.1 मेगावाट के रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए गए हैं, जिनसे प्रतिवर्ष 23.5 मिलियन यूनिट बिजली बनने की संभावना है। यह पहल चंडीगढ़ को नेट-जीरो शहर यानी “जितनी ऊर्जा खपत हो, उतनी उत्पादन” की दिशा में ले जा रही है।
सौर ऊर्जा के साथ-साथ शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को भी बढ़ावा देने की नीति लागू की गई है। चंडीगढ़ प्रशासन अब बैटरी चालित वाहनों को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में स्ट्रीट लाइट्स को भी सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा और झीलों व जलाशयों पर फ्लोटिंग सोलर पैनल्स लगाए जाएंगे। लोकसभा में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने बताया कि चंडीगढ़ की यह प्रगति देश भर के शहरों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में देखी जा रही है।