Thursday, August 14, 2025

दिल्ली में संपत्ति रजिस्ट्रेशन होगा पेपरलेस और फेसलेस: नहीं काटने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर, जानें नई व्यवस्था के फायदे

दिल्ली सरकार अब संपत्ति रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस बनाने जा रही है। इसका मतलब है कि लोगों को अब अपने प्रॉपर्टी दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन के लिए न तो फाइलें लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही किसी अधिकारी से आमने-सामने मिलना पड़ेगा। यह पूरा सिस्टम डिजिटल होगा, जहां दस्तावेज़ों को ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा, उनकी जांच भी डिजिटल होगी और मंजूरी भी ऑनलाइन दी जाएगी। इस फैसले का मकसद रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पारदर्शी, आसान और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। इसके साथ ही सरकार एक और अहम कदम उठाने जा रही है। एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें उन संपत्तियों की सूची होगी जिन्हें बेचा या खरीदा नहीं जा सकता। इस सूची में अवैध निर्माण वाली संपत्तियां, वक्फ संपत्ति, ग्राम सभा की जमीन, कब्जा की गई खाली जमीन और वे संपत्तियां शामिल होंगी जिन पर कानूनी विवाद चल रहे हैं। इससे आम लोगों को यह स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी कि कौन-सी संपत्ति सुरक्षित है और कौन-सी नहीं।

दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) आशीष चंद्र वर्मा ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया 2025 के अंत तक लागू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए एक कंसल्टेंट कंपनी को सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया है, जो मौजूदा सिस्टम का गहराई से अध्ययन करेगी और इसे बेहतर बनाने के लिए सुझाव देगी। सरकार का इरादा यह है कि आम नागरिकों को बिना किसी परेशानी के घर बैठे संपत्ति का रजिस्ट्रेशन करवाने की सुविधा मिले। इसके अलावा, दिल्ली में पहले से ही NGDRS यानी नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू है, जिसके तहत बिक्री, वसीयत, पावर ऑफ अटॉर्नी समेत 25 तरह के दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। अब इस सिस्टम को नगर निगम (MCD) के ऑनलाइन पोर्टल से जोड़ा जाएगा।

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इससे एक बड़ा फायदा यह होगा कि सब-रजिस्ट्रार यह तुरंत चेक कर सकेंगे कि संबंधित संपत्ति पर कोई बकाया कर्ज है या उस पर किसी तरह का कानूनी विवाद है या नहीं। साथ ही, नगर निगम भी रियल टाइम में संपत्तियों के स्वामित्व की जानकारी हासिल कर सकेगा। इससे फर्जीवाड़ा करने वालों पर सख्ती होगी और आम जनता को धोखे से बचाया जा सकेगा। सरकार को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। यह पूरी पहल आम जनता के हित में है और आने वाले समय में राजधानी दिल्ली के रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने में मदद करेगी।

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