Thursday, August 14, 2025

28 साल से डैलीवेज कर्मचारियो को नहीं मिली प्रमोशन, साथ में ज्वाइन करने वाले ऑउटसोर्स कर्मचारी बन चुके हैैं बॉस

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर।
चंडीगढ़: नगर निगम केअधिकारी ऑउटसोर्स कर्मचारियों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान और डैलीवेज कर्मचारियो से नाराज हैं। ऑउटसोर्स कर्मचारियों को समय -समय पर प्रमोशन देने वाले नगर निगम के अधिकारियों ने पिछले 27-28 वर्षों से काम कर रहे 65 डैलीवेज कर्मचारियों की प्रमोशन रोक रखी हैंञ जबकि इन्हीं के साथ लगे ऑउटसोर्स कर्मचारी दिन दोगुनी रात चोगुनी तरक्की कर बॉस बन बैठे हैं। बुधवार को डैलीवेज कर्मचारी नगर निगम की मेयर से मिले हैं और उन्हें ज्ञापन सौपा हैं। डैलीवेज कर्मचारियों का कहना है कि वे 1999 से लगातार काम कर रहे हैं और सभी आवश्यक योग्यताएँ रखने के बावजूद अभी भी डैलीवेज कर्मचारियो को न तो रैगुलर किया जा रहा हैं और न ही प्रमोशन हो रही हैं। वहीं ऑॅउटसोर्स कर्मचारियों की रैगुलर प्रमोशन हो रही हैं।

बता दें कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति 1999 में हुई थी। लेबर कोर्ट चंडीगढ़ के सुलह अधिकारी वी. एस. भार्गव ने आदेश जारी किया था, जिसके बाद नगर निगम  चंडीगढ़ ने इन्हें डैलीवेज कर्मचारियो के रूप में नियुक्त किया था। इसके बाद 1999 में हुई नगर निगम की सामान्य सदन की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इन कर्मचारियों की सेवाएँ जारी रहेंगी। तब से वे अलग-अलग विभागों में काम कर रहे हैं, जिनमें बिल्डिंग्स एंड रोड्स, पब्लिक हेल्थ, बागवानी (हॉर्टिकल्चर) और इलेक्ट्रिकल विंग शामिल हैं।

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लगातार सेवा के बावजूद स्थायी नियुक्ति नहीं:

कर्मचारियों का कहना है कि वे नगर निगम में ‘गु्रप सी ’ और ‘गु्रप डी ’ के पदों के लिए पूरी तरह योग्य हैं और 27-28 वर्षों से बिना रुके सेवा दे रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें आज भी केवल डैलीवेज कर्मचारियो के रूप में रखा गया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के विभिन्न विभागों में गु्रप सी और ग्रुप डी की कई रैगुलर सीटें खाली हैं, लेकिन फिर भी हमें स्थायी कर्मचारी नहीं बनाया गया है।

नई दिल्ली नगर परिषद की नीति का दिया उदाहरण:

कर्मचारियों ने कहा कि नई दिल्ली नगर परिषद  ने 10 फरवरी 2023 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें सभी डैलीवेज कर्मचारियो को एक बार की छूट (वन-टाइम रिलैक्सेशन) देकर स्थायी कर दिया गया था। उन्होंने माँग की है कि चंडीगढ़ नगर निगम भी इसी नीति को अपनाए और उन्हें भी मौजूदा रिक्त पदों पर नियमित रूप से नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों की सेवा के बाद भी हमें कोई पदोन्नति (प्रमोशन) नहीं मिली है। इसके विपरीत, नगर निगम द्वारा ठेके (कॉन्ट्रैक्ट) पर रखे गए कर्मचारी पदोन्नति पा रहे हैं, जबकि हम स्थायी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

कर्मचारियों की मुख्य माँगें:

– डैलीवेज कर्मचारियो को स्थायी किया जाए।
– ग्रुप सी और ग्रुप डी की खाली सीटों पर इन्हीं कर्मचारियों को नियुक्त किया जाए।
– पदोन्नति के अवसर दिए जाएं और करियर ग्रोथ की नीति बनाई जाए।

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